हिमाचल: प्रदेश में 4544 पशु लंपी चमड़ी रोग से ग्रसित, 134 गौवंश की मौत

पशुओं में लम्पी चमड़ी रोग की रोकथाम के लिए पशु पालन विभाग सक्रिय:वीरेंद्र कंवर

शिमला: ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज यहां बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गौवंश में लम्पी चमड़ी रोग फैलने की आशंका को कम करने तथा इसे नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार ने पशु पालन विभाग के माध्यम से त्वरित कदम उठाए हैं। 

पशु पालन मंत्री ने बताया कि सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है और अभी तक 27,831 गायों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है और पशुपालकों को जागरुक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं। वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि भी जारी की गई है। विभाग के रोगव्यापिकी विंग के उपनिदेशक डॉ. अरुण सरकैक (मोबाइल नंबर 94180-44545) को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।  

वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्रदेश स्तर पर और सभी जिलों के उपनिदेशकों से लम्पी चमड़ी रोग की ताजा स्थिति की जानकारी ली जा रही है। बुधवार को उपनिदेशकों से बैठक के दौरान प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार प्रदेश के आठ जिलों में कुल 4544 पशु लम्पी चमड़ी रोग से ग्रसित पाए गए हैं और 134 गौवंश की मौत हुई है। 

वीरेंद्र कंवर ने सभी पशु पालकों से आग्रह किया है कि पशुओं में लम्पी चमड़ी रोग के लक्षण दिखते ही वे तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान में संपर्क करें तथा बीमार पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। पशुशाला और उसके आस-पास की जगह को कीटाणु और मक्खी-मच्छर मुक्त करने के लिए दवाईयों का छिड़काव करें तथा पशुओं को रोग प्रतिरोधी टीके लगवाएं। 

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