सुप्रीम कोर्ट का फैसला- लिव इन रिलेशन में जन्मा बच्चा भी होगा प्रॉपर्टी का हिस्सेदार

सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द किया, जिसमें कोर्ट ने एक युवक को उसके पिता की संपत्ति में इसलिए हिस्सेदार नहीं माना था, क्योंकि उसके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दोनों की शादी भले ही न हुई हो, लेकिन दोनों लंबे समय तक पति-पत्नी की तरह ही साथ रहे हैं। ऐसे में अगर DNA टेस्ट में यह साबित हो जाए कि बच्चा उन दोनों का ही है, तो बच्चे का पिता की संपत्ति पर पूरा हक है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर कोई पुरुष और महिला लंबे समय तक साथ रहते हैं तो कानून के अनुसार इसे विवाह जैसा ही माना जायेगा और उनके बेटे को पैतृक संपत्तियों में हिस्सेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता है।

केरल हाईकोर्ट का फैसला पलटा
केरल के एक व्यक्ति ने अपने पिता की संपत्ति में हुए बंटवारे में हिस्सा न मिलने पर हाईकोर्ट में केस किया था। उसने कहा था- उसे नाजायज बेटा बताकर हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। केरल हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था- जिस व्यक्ति की संपत्ति पर वह हक जता रहे हैं, उससे उनकी मां की शादी नहीं हुई थी, ऐसे में उन्हें परिवार की संपत्ति का हकदार नहीं माना जा सकता है।

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