हिमाचल: 30-31 मार्च को एनीमिया की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम

हिमाचल: 21 मार्च से 4 अप्रैल तक मनाया जा रहा है राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा

शिमला: पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैजैसे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, वैसे ही हमारे दैनिक आहार में लवण, विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना जरूरी हैयह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व महिला और बाल विकास विभाग के संयुक्त समन्वय से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 21 मार्च से चार अप्रैल तक चतुर्थ राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है । यह अभियान जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और निजी क्षेत्रों की भागीदारी को सुनिश्चित कर एक जन आंदोलन के रूप में संचालित किया जा रहा है

इस पोषण पखवाड़े का उद्देश्य हर नागरिक को पोषण आहार विशेषत: घरेलू पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करना है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की वर्ष 2020 रिपोर्ट में , ‘दुनिया में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति अनुसार भारत की 14 प्रतिशत आबादी कुपोषित है | रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में पांच साल से कम उम्र के 34.7 फीसदी बच्चे बौने या अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटे हैं, जबकि 20 फीसदी बच्चे वेस्टिंग से पीड़ित हैं, यानी उनका वजन उनकी ऊंचाई के हिसाब से बहुत कम है |पोषण अभियान ने बच्चों के कम पोषण और जन्म के समय कम वजन को सालाना 2 प्रतिशत और एनीमिया को 3 प्रतिशत तक कम करने और देश में अच्छे पोषण के लिए एक जन आंदोलन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया हैविभागीय प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पोषण पखवाड़े के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश भर में पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियां चलाई जा रही हैं

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गतिविधियों को संचालित करते हुए महिलाओं और बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पोषण बारे जानकारी दी जा रही है। 30 व 31,मार्च को एनीमिया की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा

बालिकाओं, किशोरियों, महिलाओं और धात्री माताओं को संतुलित आहार लेने और एनीमिया की स्थिति में आयरन व फोलिक एसिड की गोलियां लेने के लिए प्रेरित किया जाएगास्वास्थ्य विभाग द्वारा एनीमिया रोकथाम के लिए विद्यालयों में सेमिनार का आयोजन कर एनीमिया की जांच, उपचार और निवारण के लिए गतिविधियाँ संचालित की जायेगी।
स्वस्थ भारत के लिए पारंपरिक और आधुनिक संसाधनों के एकीकरण कर कुपोषण की रोकथाम करने के लिए पोषण पखवाड़े के दौरान संचालित की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों के प्रयास निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होंगे। 

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