प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं को संजोए रखने के लिए वचनबद्धः मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं को संजोए रखने के लिए वचनबद्धः मुख्यमंत्री
शिमला: देव संस्कृति हिमाचल प्रदेश की विशेषता है और प्रदेशवासियों की देव समाज व देव-देवताओं में अगाध श्रद्धा है। प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं को संजोए रखने के लिए वचनबद्ध है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कुल्लू जिला के बंजार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सराहन गांव में श्री पुंडरिक ऋषि के नए रथ की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम को शिमला से दूरभाष पर दिए अपने सन्देश में कही। मुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना था, परन्तु किन्हीं अपरिहार्य कारणों से वह वहां नहीं जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की देवता पुंडरिक ऋषि में असीम श्रद्धा है तथा उन्हें भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। उन्होंने कहा कि एक जनश्रुति के अनुसार ग्राम दोगली के निकट सराहरी सरोवर के पास ऋषि लम्बे समय तक तपस्या में लीन रहे और भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन देकर वैकुण्ठ धाम आने का निमंत्रण दिया तथा साथ ही साथ इस स्थान को वैकुण्ठ धाम से नाम से अभिभूत किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आज बनोगी, सैंज में लगभग 47 लाख रुपये की लागत से निर्मित वन विभाग के विश्राम गृह का भी लोकार्पण किया गया है, जिसके लिए उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस विश्राम गृह के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।