नौणी विवि में आईडीपी के तहत वोकेशनल और सर्टिफिकेट कोर्स, वर्चुअल काउंसलिंग सेल का उद्घाटन

औषधीय पौधों, शीतोष्ण फलों का नर्सरी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती और फूल और मूल्यवर्धन पर वोकेशनल कार्यक्रम किए गए शुरू 

सोलन: छात्रों में उद्यमिता की भावना पैदा करने और उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के लिए  डॉ. वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने पांच वोकेशनल और तीन सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ किया है। विश्वविद्यालय में आई॰सी॰ए॰आर॰ राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के संस्थागत विकास योजना के तहत मंगलवार को एक कार्यक्रम में कुलपति डॉ. परविंदर कौशल द्वारा इन कोर्स का शुभारंभ किया गया।

औषधीय पौधों, शीतोष्ण फलों का नर्सरी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती और फूल और मूल्यवर्धन पर वोकेशनल कार्यक्रम शुरू किए गए। अंग्रेजी में निपुणता, प्रेजेंटेशन कौशल और सामाजिक स्थिति में उचित रूप से बोलने और कार्य करने पर तीन सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए गए।

इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. कौशल ने कहा कि इन कोर्स का उद्देश्य छात्रों में प्रसंस्करण, विपणन और कई उत्पादों के संवर्धन पर ज्ञान और कौशल का विकास करना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्रों के करियर में उन्नति के लिए ये वोकेशनल और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए हैं। उद्यमिता के बारे में बोलते हुए  डॉ कौशल ने कहा कि छात्रों को अपने नवीन विचारों के साथ आगे आने और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर अपने स्वयं के सफल उद्यम स्थापित करने का दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बागवानी के साथ-साथ वानिकी में छात्रों के लिए संभावित उद्योग को पहचानने के लिए विशेषज्ञों के साथ कई विचार-मंथन सत्रों के बाद इन पाठ्यक्रमों को बनाया गया है।

आईडीपी के प्रधान अन्वेषक डॉ केके रैना ने बताया कि बीएससी तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों को इन कोर्स को पढ़ने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के पास अपनी पसंद के व्यावसायिक पाठ्यक्रम को वरीयता देने का विकल्प है, जबकि अंतिम सूची मेरिट के आधार पर चुनी जाएगी। वोकेशनल कोर्स तीन महीने का होगा और छात्रों द्वारा पहले से पढ़े जा रहे कोर्स के अतिरिक्त होगा। सर्टिफिकेट कोर्स कम अवधि के होंगे और एक महीने में पूरे हो जाएंगे।

वर्चुअल काउंसलिंग सेल का उद्घाटन

विश्वविद्यालय ने एक वर्चुअल काउंसलिंग सेल भी शुरू किया है। यह पहल छात्रों को आत्म-जागरूक बनने और उनकी उच्चतम क्षमता तक पहुंचने में मदद करेगी और चिंता, शैक्षणिक, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं, जिनका वे सामना कर रहे हैं, उसे ठीक से निपटने में मदद करेगी। छात्रों की समस्याओं की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ के साथ आमने-सामने बातचीत के और काउंसलिंग सत्रों की एक ऑनलाइन श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इस सेल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को खुद को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए उनका मार्गदर्शन और सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देना और अच्छे सामाजिक संबंध स्थापित करना है।

इस अवसर पर निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंदर शर्मा, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. दिवेंद्र गुप्ता, डीन डॉ. डीडी शर्मा, डॉ अंजू धीमान, डॉ संजीव ठाकुर, आईडीपी स्टाफ के सदस्य और गतिविधि प्रभारी सहित छात्र उपस्थित रहे।

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