प्रदेश सचिवालय में खुला जैविक सब्जियों का विशेष आउटलेट, स्वयं सहायता समूह ने प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर तैयार की हैं सब्जियां : निदेशक

प्रदेश सचिवालय में खुला जैविक सब्जियों का विशेष आउटलेट, स्वयं सहायता समूह ने प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर तैयार की हैं सब्जियां : निदेशक

  • स्वयं सहायता समूहों के 30 सदस्यों द्वारा उगाई जा रही हैं सब्जियां
  • शुभारम्भ के दिन ही महिलाओं ने बेचीं 6.5 हजार रुपये की सब्जियां
  • प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक खुली रहेगी दुकान

रीना ठाकुर/ शिमला : ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचपीएसआरएलएम) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा उगाई जाने वाली जैविक सब्जियों के विक्रय के लिए आज हिमाचल प्रदेश सचिवालय शिमला में विशेष आउटलेट खोला गया।

ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ललित जैन ने बताया कि यह सब्जियां स्वयं सहायता समूह द्वारा प्राकृतिक तरीकों को अपना कर तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि जिला शिमला के बसन्तपुर खण्ड के गांव घैणी गांव के हिमालय के नाम के तहत कार्य कर रहे स्वयं सहायता समूहों के 30 सदस्यों द्वारा उगाई जा रही हैं। इस अवसर पर शून्य लागत खेती के निदेशक राकेश कंवर, कार्यक्रम प्रभारी लतिका सहजपाल, स्वयं सहायत समूह की सदस्य प्रोमिला देवी और सचिवालय के अनेक स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

इन किसानों को प्राकृतिक खेती अभियान के तौर पर हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रशिक्षण गतिविधियों के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह उपज बिना कीटनाशकों के उपयोग और गाय के गोबर और गोमूत्र के साथ नीम आदि के उपयोग से तैयार की गई है।

हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन समूहों को उच्च किस्म के बीज और अन्य कृषि उपकरण खरीदने के लिए पांच लाख रुपये तक की राशि प्रदान कर रहा है। इस समूह की चार महिलाओं को चिन्मया संगठन ग्रामीण विकास विभाग धर्मशाला द्वारा 10 दिनों के आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसे ग्रामीण विकास द्वारा पूरी तरह से प्रायोजित किया गया।

सचिवालय में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर खोली गई यह दुकान प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक खुली रहेगी। जहां पर सोमवार और वीरवार को जैविक विधि द्वारा उगाई गई सब्जियां विक्रय की जाएंगी। इस पायलेट प्रोजैक्ट के सफल होने पर प्रतिदिन यह जैविक सब्जियां बेची जाएंगी। जैविक सब्जियों की बिक्री के शुभारम्भ के दिन ही महिलाओं ने 6.5 हजार रुपये की सब्जियां बेचीं।

 

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