प्रदेश सरकार संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रयासरत : शिक्षा मंत्री

अंबिका/शिमला: प्रदेश सरकार राज्य में प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्य से प्रधान सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में भूमि चयन के लिए एक शोध समिति तथा शैक्षणिक पहलुओं के लिए एक शैक्षणिक समिति गठित की जाएगी।

शिक्षा मंत्री आज यहां संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों से आए प्रमुखों तथा शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल एक प्राचीन, शुद्ध व सम्पन्न भाषा है बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास व परम्पराओं की परिचायक भी है। संस्कृत के विद्वानों ने समाज के कल्याण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दृष्टिपत्र में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया था तथा इस दिशा में सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर विचार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उचित स्थान की खोज की जाएगी, जहां संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता होगी। इसके अतिरिक्त गठित की जाने वाली समितियां विश्वविद्यालय के स्वरूप, प्रारूप तथा आर्थिक पक्ष पर भी विचार करेंगी।

प्रधान सचिव शिक्षा के.के. पन्त ने कहा कि संस्कृत भाषा में हमारे देश की विभिन्न संस्कृतियां समाहित है। प्रदेश सरकार संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि संस्कृत के विद्वानों, शोधकर्ताओं तथा छात्रों को प्रदेश में ही शिक्षण और पाठन के अवसर प्राप्त हो, जिससे संस्कृत भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

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