राज्य सरकार करेगी प्रमुख परिसरों के लिए आवासीय अभियंता की तैनाती : मुख्यमंत्री

शिमला: राज्य सरकार इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे के रख-रखाव के लिए राज्य के सभी प्रमुख परिसरों के लिए आवासीय अभियंता की तैनाती पर विचार करेगी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यह बात कही। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के लिए फेसबुक और ट्विटर की भी शुरूआत की। गुणवत्ता नियंत्रण दल ने राज्य में विभिन्न विकास परियोजनाओं के उचित निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सिफारिशें की हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमुख परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि उपयोग योजना और मास्टर प्लान तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तूफान, जल निकासी, केबल तारों तथा पाइपों की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए क्योंकि इनसे मिट्टी की नमी, लगातार व्यावधान तथा निर्माण आदि के लिए खतरा बना रहता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के उचित स्थिरीकरण को सुनिश्चित किया जाना चाहिए क्योंकि अनुचित स्थिरीकरण से पानी रिसाव की समस्या हो जाती है, जिससे सड़कों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि ढलान स्थिरीकरण की कमी के कारण अक्सर भूःस्खलन होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पक्की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उचित क्रॉस नालियों तथा साइड नालियों के निर्माण और रखरखाव के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सड़कों को पक्का करते समय रेत तथा बिटुमेन की सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलों का निर्माण जल विज्ञान के आधार पर किया जाना चाहिए और राज्य सरकार को सौंपने से पूर्व पुलों का परीक्षण निर्माणकर्ताओं द्वारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलों की गुणवत्ता जांच और जोखिम मूल्यांकन के लिए पुलों पर उपकरणों को स्थापित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल और स्वच्छता के सभी चार घटकों को ध्यान में रखते हुए सभी चार प्रमुख नदी घाटियों क्रमशः सतलुज बेसिन, ब्यास बेसिन, रावी बेसिन और यमुना बेसिन के लिए नदीवार मास्टर प्लान विकसित किया जाना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड सीमित द्वारा किए गए नागरिक और यांत्रिक निर्माण की कड़ी गुणवत्ता जांच की जानी चाहिए ताकि परियोजनाएं लंबे समय तक चल सकें। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न विकास परियोजनाओं के निर्माण में सस्ती और निम्न स्तरीय सामग्री का उपयोग करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के संदर्भ में फेसबुक और ट्विटर आम जनता को मुख्यमंत्री कार्यालय में किसी भी निम्न स्तरीय निर्माण कार्यों के संबंध में सीधे अपनी शिकायतों को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू ने बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में मुख्यमंत्री कार्यालय की गुणवत्ता नियंत्रण टीम के दौरे पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि इन जिलों के दौरे के दौरान यह पाया गया कि परियोजना क्षेत्र के विकास के बिना काफी कम निर्माण परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह भी पाया गया कि सरकारी भवनों में पार्किंग भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से योजनाबद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी महसूस किया गया कि सड़कों पर कैम्बर की कमी से पानी इकट्ठा होता है, जो सड़कों को नुकसान पहुंचाता है।

कुंडू ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण दल सोलन में 24, बद्दी में 25, नालागढ़ में 26, ऊना में 27 और अम्ब/चिंतपूर्णी में 28 सितंबर, 2018 को इन क्षेत्रों में विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए दौरा पर जाएगी।

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