- विश्व पर्यावरण दिवस का विषयः ”रिथिंक प्लास्टिकः टू राईज़ अबव इट”
- प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग दोहन करने के बजाए मानव जीवन की बेहतरी के लिए हो : नन्द लाल शर्मा
- ऐसे आयोजनों से पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में मिलती है मदद
शिमला: प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है तथा पर्यावरण की रक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर जागरुकता फैलाने और कार्यवाही अमल में लाने का संयुक्त राष्ट्र संघ एक प्रमुख माध्यम है। इस अवसर पर आगे आते हुए एसजेवीएन ने भी आज अपने कारपोरेट कार्यालय शनान में विश्व पर्यावरण दिवस को बड़े जोर-शोर से मनाया। विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का विषयः ”रिथिंक प्लास्टिकः टू राईज़ अबव इट” है।
इस दिवस को मनाने के लिए श्रृंखलाबद्ध रूप से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए । इन आयोजन का शुभारंभ एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा, निदेशक (वित्त), अमरजीत सिंह बिन्द्रा, निदेशक(विद्युत) आर.के.बंसल, निदेशक(सिविल), कंवर सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कारपोरेट कार्यालय परिसर शनान में वृक्षारोपण के जरिए हुआ।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से आम जनता के बीच पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में काफी मदद मिलती हैI उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति इतनी दयालु है कि इसने हमें जरूरत की सभी वस्तुएं मुहैया करवाई हैं, लेकिन हमारी जीवन पद्धतियां इतनी बदल गई हैं कि प्रकृति का इस बड़े पैमाने पर दोहन किया जा रहा है कि इससे भारी मात्रा में असंतुलन उत्पन्न हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप जलवायु संबंधी अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं और पृथ्वी ग्रह पर जीवन के लिए अनिवार्य प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो गई है। उन्होंने सभी का आवाह्न किया कि हम ऐसा आचरण करें कि जिससे न्यायसंगत पारिस्थितिकी संतुलन कायम हो ओर ऐसी स्थिति बनें जिसके अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हमारे लालच को पूरा करने के लिए दोहन करने के बजाए मानव जीवन की बेहतरी के लिए हो।
- स्कूली बच्चों के लिए कचरे से कलात्मक चीजें बनाने की प्रतियोगिता आयोजित
- विजेताओं को किए पुरस्कार वितरित
इससे पहले विश्व पर्यावरण दिवस के विषय पर एक संभाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसके अंतर्गत एसजेवीएन कारपोरेट कार्यालय के ईर्द-गिर्द स्थित विभिन्न स्कूलों के बच्चों के लिए कचरे से कलात्मक चीजें बनाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
इन आयोजनों की समाप्ति हिमाचल प्रदेश सरकार के विशेष सचिव और सामान्य रूप से कचरा प्रबंधन और खासकर प्लास्टिक प्रबंधन के जाने माने विशेषज्ञ डॉ.राजेश कपूर द्वारा ”सततशील प्लास्टिक प्रबंधन” पर एक प्रस्तुति के साथ हुई।