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स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) मोटे तौर पर शौचालय निर्माण के लक्ष्य को कर रहा है पूरा

  • व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के लिए 35 प्रतिशत मिशन लक्ष्य 40 प्रतिशत मिशन अवधि में  किया गया पूरा
  • गुजरात, आंध्र प्रदेश में समय से पूर्व किया गया मिशन लक्ष्य पूरा
  • केरल ने मिशन लक्ष्य का 68 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ 61 प्रतिशत, मध्य प्रदेश 46 प्रतिशत, तमिलनाडु 43 प्रतिशत लक्ष्य किया पूरा
  • उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड ने लक्ष्य से 30 प्रतिशत अधिक शौचालयों का किया निर्माण

नई दिल्ली: स्वच्छ भारत मिशन के दो वर्षों के दौरान, अभी तक देश के शहरी क्षेत्रों में 22,97,389 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। जबकि 2019 तक इस पांच वर्षीय मिशन में ऐसे 66,42,221 शौचालयों का निर्माण किए जान का लक्ष्य है। पहले दो वर्षों अर्थात् मिशन की 40 प्रतिशत अवधि में 35 प्रतिशत मिशन लक्ष्य पूरा किया गया है। ऐसा खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करने के लिए किया जा रहा है।

गुजरात और आंध्र प्रदेश ने इस वर्ष सितंबर तक तीन वर्ष पहले ही मिशन लक्ष्य पूरा कर लिया है। गुजरात में 4,06,388 शौचालयों के निर्माण का  लक्ष्य पूरा किया है जबकि आंध्र प्रदेश ने शहरी क्षेत्रों में 1,93,426 शौचालयों का निर्माण करके अपने आप को शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है।

शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज शहरी क्षेत्रों में मिशन की प्रगति की समीक्षा की। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अन्य प्रमुख योगदान करने वाले राज्य केरल ने 62,450 शौचालयों का निर्माण करके 90,986 शौचालयों के मिशन लक्ष्य का 68 प्रतिशत अर्जित किया है जबकि छत्तीसगढ़ 1,83,726 (3,00,000 का 61प्रतिशत), मध्य प्रदेश 2,34,377 (5,12,389 का 46 प्रतिशत) और तमिल तमिलनाडु 2,57,781 (6,02,029 शौचालय के मिशन लक्ष्य का 43 प्रतिशत) प्राप्त किया है।

वे राज्य जिन्होंने मिशन लक्ष्य का 30 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया है उनमें महाराष्ट्र ने 6,29,819 मिशन लक्ष्य की तुलना में 33 प्रतिशत अर्थात 2,07,888 शौचालयों का निर्माण किया है, जबकि उत्तर प्रदेश ने 31 प्रतिशत (2,53,979/8,28,237), कर्नाटक ने 31 प्रतिशत (1,09,704/3,50,000) और झारखंड ने 30 प्रतिशत (47,968/1,61,713) लक्ष्य अर्जित किया है।

तेलंगाना ने 28 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है और 2,16,075 शौचालयों के लक्ष्य के मुकाबले 59,967 शौचालयों का निर्माण किया है। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल ने 23 प्रतिशत (1,20,628/5,15,419), पुडुचेरी 22 प्रतिशत (2,135/9,626) और पंजाब ने 19 प्रतिशत (26.188/1,38,010) लक्ष्य हासिल किया। 10 प्रतिशत से कम मिशन लक्ष्य हालिल करने वाले राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश हैं- मणिपुर (9 प्रतिशत), बिहार (7.40 प्रतिशत), उत्तराखंड (7 प्रतिशत), ओडिशा (4.40 प्रतिशत), मिजोरम (3.34 प्रतिशत) और अरुणाचल प्रदेश (1.60 प्रतिशत)।

स्वच्छ भारत की मिशन को 02 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था जिसमें 2011 की जनगणना के आधार पर शहरी क्षेत्रों में 1.04 करोड़ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसलिए 2011 से 2014 के दौरान शौचालयों के निर्माण को ध्यान में रखते हुए मिशन लक्ष्य को राज्यो/केन्द्रशासित प्रदेशों के आकंलन के आधार पर संशोधित करके 66,42,221 कर दिया गया था।

संशोधित लक्ष्यों के अनुसार 14 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली का लक्ष्य में 80 प्रतिशत हिस्सा है। इन 15 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में इस वर्ष सितंबर तक 21,64,860 शौचालयों का निर्माण किया है, जो अभी तक बने कुल शौचालयों की संख्या का 94 प्रतिशत और कुल मिशन लक्ष्य का 32 प्रतिशत है। लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से इस बारे में प्रगति करने की उम्मीद की जा रही है।

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