राज्यपाल ने दिया हिमाचल की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण पर बल

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कुल्लू के लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र में गत सांय अंतर्राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह कुल्लू दशहरा-2016 का उद्घाटन किया। दशहरे के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने लोगों से भगवान राम के उच्च चरित्र की पूजा करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके द्वारा स्थापित सत्य, अनुशासन, समर्पण और सेवा के उच्चतम आदर्शों का पालन करना चाहिए ताकी हम एक आदर्श जीवन जी सकें और एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि प्रभु रघुनाथ जी भगवान राम के प्रतीक है और लोगों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को भगवान राम की जीवनी पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और उन्हे हमारी समृद्ध पारंपरिक प्रथाओं का ज्ञान होना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ियों के लिए भी इसे संरक्षित किया जा सके। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ‘देवता’ शब्द का मतलब दूसरों को देना है और भारतीय परंपरा में देवताओं की पूजा की एक पद्धति है। उन्होंने राज्य के लोगों द्वारा अपनी उच्च परंपराओं तथा समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रदेश के लोगों की प्रशंसा भी की।

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अपनी अनूठी पहचान विशेषकर देव परम्परा को बनाए रखा जो एक बड़ी उपलब्धि है, जिसका पूरा श्रेय राज्य के लोगों को जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में मनाए जाने वाले मेले और त्यौहार प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है और आपसी भाईचारे को मजबूत रखने में भी सहायक सिद्ध होते है। उन्होंने कहा कि मेले और त्यौहार हमारी लोक कला और संस्कृति के संरक्षण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

आयुर्वेद मंत्री एंव अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष करण सिंह ने राज्यपाल का स्वागत तथा सम्मानित किया और कहा कि कुल्लू दशहरा सदियों पुरानी परंपरा है और क्षेत्र के लोगों द्वारा इस समृद्ध परंपरा को सदियों से निभाया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल को कुल्लू दशहरा के बारे मे विस्तरित जानकारी भी दी।

उपायुक्त एवं आयोजन समिति के उपाध्यक्ष यूनिस खान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा उन्होंने लेडी गवर्नर दर्शना देवी को भी सम्मानित किया। उन्होंने ‘शोभली बेटी कार्यक्रम’ के तहत कुल्लू दशहरा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा इस साल पहली जनवरी के बाद जन्म लेने वाली बालिकाओं के माता पिता को सम्मानित किए जाने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जिले में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए रखा गया था।

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