- क्षेत्र की 35 पंचायतों की 25 हजार आबादी को होगा लाभ
- अभी तक बिजली की आपूर्ति कुनिहार विद्युत उपकेंद्र के 11 केवी फीडर से
- अर्की और आसपास क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा 33 केवी विद्युत उपकेंद्र अर्की के निर्माण का लिया था निर्णय
- उपकेंद्र के निर्माण पर लाइन लगभग दो करोड़ 48 लाख रुपये की लागत
- इस विद्युत उपकेंद्र से अर्की और आसपास क्षेत्रों की 35 पंचायतों के 125 गावों के लगभग 20 हजार लोग होंगे लाभान्वित
- विद्युत उपकेंद्र से क्षेत्र में आ रही नई उठाऊ पेयजल योजनाओं के लिए पर्याप्त विद्युत आपूर्ति भी होगी उपलब्ध
शिमला : अर्की क्षेत्र के लोगों को कम वोल्टेज का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से बिजली के उपकरण अधिकांश समय खराब होते हैं। बच्चों के लिए पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है। सोमवार से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अर्की विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इस क्षेत्र का दौरा करने के जा रहे हैं। वह जिला सोलन के तहत आने वाले अर्की में 33 केवी विद्युत उपकेंद्र अर्की का उद्घाटन करेंगे। बिजली बोर्ड के उप निदेशक (लोक सम्पर्क) अनुराग पराशर ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे क्षेत्र की 35 पंचायतों की 25 हजार आबादी को लाभ होगा। अभी तक बिजली की आपूर्ति कुनिहार विद्युत उपकेंद्र के 11 केवी फीडर से हो रही थी। इसके अधिक लंबे होने के कारण विद्युत आपूर्ति में कई बार व्यवधान आ जाता था तथा वोल्टेज भी कम हो जाती थी। ऐसे में जिला सोलन के अर्की और आसपास क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा 33 केवी विद्युत उपकेंद्र अर्की के निर्माण का निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि साढ़े 10 किलोमीटर लंबी 33 केवी लाइन का निर्माण कर इस विद्युत उपकेंद्र को 33 केवी विद्युत उपकेंद्र कुनिहार से जोड़ा गया है। उपकेंद्र के निर्माण पर लाइन सहित लगभग दो करोड़ 48 लाख रुपये की लागत आई है। इस उपकेंद्र से 11 केवी के छह फीडर गलोग, शालाघाट, अर्की स्थानीय, शिवघाटी, बातल और एनसीपीसी निकाले गए हैं।
अनुराग पराशर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस विद्युत उपकेंद्र से क्षेत्र में आ रही नई उठाऊ पेयजल योजनाओं के लिए पर्याप्त विद्युत आपूर्ति भी उपलब्ध होगी। इससे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति सशक्त हो जाएगी और कम वोल्टेज की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही संचार एवं वितरण में होने वाली हानियों में भी कमी आएगी। इस विद्युत उपकेंद्र से अर्की और आसपास क्षेत्रों की 35 पंचायतों के 125 गावों के लगभग 20 हजार लोग लाभान्वित होंगे।