- मुख्यमंत्री ने की स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय में नर्सों के लिए अलग प्रकोष्ठ की घोषणा
- आकलैंड सुरंग के समीप बनेगा बहुमंजिला ओ.पी.डी. खण्ड
- के.एन.एच. में अलग से मातृ एवं शिशु राज्य अस्पताल का निर्माण किया जाएगा
शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान कालेज एवं अस्पताल में अन्तरराष्ट्रीय नर्सिज दिवस के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय में नर्सों के लिये एक अलग प्रकोष्ठ की घोषणा की। इस मौके पर स्वास्थ्य निदेशक डा. बलदेव ठाकुर, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. एस.एस. कौशल, आईजीएमसी के प्राचार्य डा. के.पी. चौधरी, दन्त कालेज के प्राचार्य डा. आर.पी. लुथरा, उप-चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य सुश्री कृष्णा चौहान, राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा, नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्षा भावना ठाकुर, महासचिव सुषमा ठाकुर, चिकित्सक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डा. प्रेम मच्छान, पैरा मेडिकल पंजीयक विनोद चौहान, आईजीएमसी स्टाफ प्रशिक्षु तथा अध्यापक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि स्वास्थ्य निदेशालय में एक अलग खण्ड का निर्माण किया जाएगा ताकि नर्सों का अपना कार्यालय हो। उन्होंने नर्सो की मांग पर आहार भत्ता छः रुपये से बढ़ाकर 25 रुपये करने की भी घोषणा की। उन्होंने अनुबन्ध तथा रोगी कल्याण समिति के माध्यम से नियुक्त पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी नर्सों की सेवाओं को नियमित करने की घोषणा की। उन्होंने रोगी कल्याण समिति नर्सों को अनुबन्ध पर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिये प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों को उनके घर द्वार के समीप गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य के दूर-दराज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सभी रिक्त पदों को भरने के प्रयास किये जा रहे हैं तथा इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले अथवा स्त्तरोन्नत किये जा रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि आईजीएमसी की स्थापना वर्ष 1966 में की गई थी और पूर्व में इसे स्नोडन अस्पताल के नाम से जाना जाता था और आज आधुनिक उपकरणों एवं मशीनरी से सुसज्जित यह संस्थान अनुसंधान तथा गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं का एक सुस्थापित केन्द्र बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, संस्थान का काफी विस्तार किया जा चुका है, फिर भी सरकार लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये शिमला शहर के उपनगर में अस्पताल का एक अलग परिसर स्थापित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी के अपने अलग परिसर के लिये प्रक्रिया आरम्भ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ऑकलैण्ड सुरंग के समीप नया बहुमंजिला ओपीडी खण्ड का निर्माण, सुपर स्पैशियलिटी ब्लॉक तथा कमला नेहरु अस्पताल का नये ब्लॉक का निर्माण जैसी अस्पताल विस्तार की नई परियोजनाओं पर निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि कोई संस्थान एक रात में नहीं बन जाता। यह एक जीवित शरीर की तरह होता है और एक पूर्ण संस्थान निर्माण के लिये समुचित योजना एवं लक्ष्यों का निर्धारण समाहित होता है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले समय में भी अस्पताल के लिये पूर्ण सहयोग एवं सहायता प्रदान करेगी, ताकि मरीजों को उपचार के लिये राज्य के बाहर न जाना पड़े और गंभीर बीमारियों के उपचार पर अत्यधिक खर्च न करना पड़े। उन्होंने कहा कि कमला नेहरु अस्पताल के परिसर में एक अलग मातृ एवं शिशु राज्य अस्पताल बनाया जा रहा है जो आईजीएमसी का ही हिस्सा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिले के नेरचौक में ईएसआई अस्पताल एवं मेडिकल कालेज को भी सरकार अपनाएगी जिसके लिये बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक एवं पैरा मैडिकल स्टॉफ को समर्पण की भावना कार्य करना चाहिए तथा अपनी कार्यशैली में मानवीय संवेदनाओं को शामिल करना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने नर्सों से बीमार एवं जरूरतमन्द लोगों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाली फलोरेन्स नाईन्टिलगेल के आदर्शों का अनुसरण करने का आह्वान किया।
स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि नर्सो की चिकित्सकों से अधिक जिम्मेवारी होती है, क्योंकि वे रोगियों के उपचार के समय तथा बाद में एक उपकारी भूमिका का निर्वहन करती हैं। उन्होंने नर्सिंग एसोसियेशन की मांगों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पैरा मेडिकल स्टॉफ के 4025 पद स्वीकृत करने के अलावा आईजीएमसी तथा मेडिकल कालेज नाहन में नर्सों की कमी को पूरा करने के लिये नर्सों के 377 पदों को भरने का मामला सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि नर्सो के अलग सेल के लिये धनराशि प्राप्त हो चुकी है तथा इसपर भी विचार किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने आर.के.एस. नर्सों को अनुबन्ध पर नियुक्त करने तथा पांच वर्ष सेवाओं के उपरान्त उन्हें नियमित करने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लिंग अनुपात में सुधार के लिए नर्सों से बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य के लाहौल-स्पिति जिले का लिंग अनुपात देश भर में सर्वश्रेष्ठ है और यहां 1000 पुरूषों पर 1033 महिलाएं हैं।