राज्यपाल ने बेटियों के जन्म पर घर-घर जाकर दी बधाई

  • मेरी लाडलीकार्यक्रम से लोगों को जुड़ने का किया आह्वान

शिमला: कन्याओं के प्रति समाज की सोच को बदलने और कन्या शिशु के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने देवभूमि में नई परम्परा की शुरूआत की है। वह आज मण्डी जिले के बल्ह विधानसभा क्षेत्र की बहना पंचायत तथा मण्डी के निकट भ्रौण पंचायत के अन्तर्गत मलोरी गांव गए। यहां वह उन घरों में गए जहां कन्या शिशु ने जन्म लिया है। उन्होंने यहां जाकर परिवारजनों को बधाई दी और उपहार स्वरूप पालने, खिलौने इत्यादि भेंट किए। निश्चित तौर पर उनकी यह पहल समाज में कन्याओं के प्रति लोगों की सोच को बदलने में कारगर सिद्ध होगी।

मंडी जिला प्रशासन ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम से प्रभावित होकर ‘मेरी लाडली’ अभियान चलाया है ताकि कन्याओं के प्रति समाज का नजरिया बदला जा सके और भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराधों से समाज को पूर्ण रूप से मुक्त किया जा सके। इसी पहल को प्रोत्साहन देते हुए राज्यपाल ने आज इन गांवों का दौरा किया। उन्होंने बहना में पांच बच्चियों तथा मलोरी गांव में दो बच्चियों को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे ‘मेरी लाडली’ अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए दो लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश भर में चलाया जाना चाहिए।

इस मौके पर, उन्होंने महिला मण्डल और ग्राम पंचायत बहना के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ किया। बहना पंचायत में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मातृ शक्ति ही समाज की सबसे बड़ी शक्ति है और कन्या भू्रण हत्या समाज का सबसे बड़ा पाप। उन्होंने कहा कि महिलाएं ही समाज को नई राह दिखाती हैं और जो संस्कार हमें अपनी माता से मिलते हैं उनकी अमिट छाप आजीवन रहती है।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ महिलाओं को आगे आना चाहिए। उनके प्रयासों से ही समाज का बेटियों के प्रति नजरिया बदल सकता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि हिमाचल प्रदेश भाग्यशाली है, जहां दहेज जैसी सामाजिक बुराई नहीं है, क्योंकि यह ऐसी कुप्रथा है जो बेटियों की मौत का कारण बनती है। इसके लिए प्रत्येक को समाज की इन गलत व्यवस्थाओं से लड़ना होगा।

उन्होंने जिला प्रशासन के इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लोगों से विशेषकर महिलाओं से इस अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने महिलाओं से पर्यावरण संरक्षण और वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए अपना पूर्ण योगदान देने का भी आग्रह किया।

इससे पूर्व, राज्यपाल ने हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान, रंग मण्डल एवं नाट्य अकादमी, सतोहल के तत्वावधान में मंडी के गांधी भवन में आयोजित ‘आक्रोश’ नाट्य प्रस्तुति को भी देखा। इस नाट्क का मंचन भी ‘मेरी लाडली’ कार्यक्रम से ही प्रेरित था। इस अवसर पर, राज्यपाल ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नाट्क की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकार समाज की व्यवस्था को बनाए रखने में प्रयासरत रहते हैं। नाट्क के माध्यम से उन्होंने समाज की वास्तविकता को जिस प्रकार से प्रदर्शित किया है और कला के माध्यम से जो संदेश दिया है वह महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं में भी ऐसे ही नाटकों के मंचन पर बल दिया ताकि कन्याओं के प्रति लोगों की मानसिकता को बदला जा सके।

राज्यपाल ने इस मौके पर ‘मिस हिमाचल’ का खिताब जितने वाली मंडी की कुमारी अरूषा शर्मा को सम्मानित किया।

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