लोक संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए डिस्ट्रिक्ट कल्चरल कमेटी गठित; उपायुक्त बोले- वर्षभर होंगे कार्यक्रम, कलाकारों को मिलेगा मंच और प्रशिक्षण

धर्मशाला:  जिला सांस्कृतिक परिषद के माध्यम से कांगड़ा जिले में लोक संस्कृति के साथ-साथ कला की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिले में इसके माध्यम से विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन प्रस्तावित हैं, जिससे कलाकारों और युवाओं को अपनी विधा को प्रदर्शित करने के लिए एक स्थाई मंच मिलेगा। उपायुक्त कार्यालय में आज मंगलवार को नवगठित जिला सांस्कृतिक परिषद (डिस्ट्रिक्ट कल्चरल कमेटी) की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न सांस्कृतिक दलों और कलाकारों को मंच उपलब्ध करवाने के अलावा उभरते कलाकारों और युवाओं के प्रशिक्षण के लिए भी जिला सांस्कृतिक परिषद् के माध्यम से कार्यशालाएं आयोजित करवाई जाएंगी।

*‘धौलाधार कला उत्सव’ में होगा लोक-संस्कृति कर मंचन*

उपायुक्त ने कहा कि जिला सांस्कृतिक परिषद के द्वारा अगले वर्ष से जिले में ‘धौलाधार कला उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष फरवरी या मार्च महीने में धर्मशाला में इसका पहला कार्यक्रम प्रस्तावित है। डीसी ने कहा कि ‘धौलाधार कला उत्सव’ के माध्यम से लोक संस्कृति और कला को प्रदर्शित करने के साथ उसे उत्सव की तरह मनाने की एक रिवायत यहां विकसित होगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद जिले के विभिन्न हिस्सों में भी इसका आयोजन किया जाएगा। इसमें संगीत, वाद्ययंत्र, साहित्य, गायन, नृत्य, नाटक, थियेटर, अभिन्य, सुहाग और भगत जैसी अनेक विधाओं का समावेश होगा, जिसमें जिला भर से कलाकार भाग लेंगे।

*एनएसडी और एनजेडसीसी देंगी प्रशिक्षण*

डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि नाट्य कला से जुड़े आर्टिस्ट्स और उभरते कलाकारों के प्रशिक्षण के लिए जिला सांस्कृतिक परिषद् के माध्यम से कार्यशालाओं को आयोजन यहां करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) नई दिल्ली और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) पटियाला के सहयोग से विभिन्न उभरते कलाकारों व बच्चों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि अगले वर्ष अप्रैल या मई माह में पहली कार्यशाला प्रस्तावित है।

*सभी विधाओं को मिलेगा प्रोत्साहन*

उपायुक्त ने कहा कि थियेटर, नृत्य, साहित्य, गायन के अतिरिक्त अन्य विधाओं के प्रदर्शन और कार्यशालों का भी आयोजन डीसीसी (डिस्ट्रिक्ट कल्चरल कमेटी) के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निष्पादन कला, चित्रकला, काष्ठ कला कृतियां व विभिन्न हस्तकलाओं के प्रोत्साहन के लिए प्रर्दशनियों एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कांगडा सांस्कृतिक परिषद की सभी गतिविधियों को कलमबद्ध करने और लोक-कला से जुड़े लेखक/साहित्यकारों के लिए साहित्यिक पत्रिका ‘धौलाधार सुमन’ का भी प्रकाशन किया जाएगा।

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