“प्रथम दर्शन सेवा” योजना के तहत शिमला से श्री माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार के लिए बस सेवा शुरू

 उप मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर बबस को  किया रवाना

कहा….आम जनमानस की सुविधा के मद्देनजर एचआरटीसी, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भी बस रूट चलने पर कर रही है विचार

शिमला: उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आम जनमानस की सुविधा के दृष्टिगत धार्मिक स्थलों के लिए बस सेवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से “प्रथम दर्शन सेवा” योजना के तहत आज प्रातः अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा टूटीकंडी से श्री माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार तक चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, प्रबंध निदेशक एचआरटीसी रोहन चंद ठाकुर, जनरल मैनेजर एचआरटीसी पंकज सिंघल एवं पवन महाजन, डीएम शिमला पवन शर्मा, डीडीएम ट्रैफिक देवासैन नेगी, समस्त क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी, तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों के कल्याण एवं उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है और आम जनमानस को घरद्वार तक बस सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ उन्हें धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए “प्रथम दर्शन सेवा” योजना आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत आज शिमला से श्री माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार तक चलने वाली बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बस ढली से प्रातः 5.30 बजे तथा आईएसबीटी शिमला से प्रातः 6:30 बजे प्रस्थान करेगी और सोलन, राजगढ़, नौहराधार होते हुए दोपहर बाद 1:30 बजे मां श्री भंगायणी मंदिर हरिपुरधार तथा 3 बजे लाणी-बोराड़ पहुंचेगी। रात्रि ठहराव के बाद दूसरी सुबह 8.05 बजे लाणी-बोराड़ से तथा 10.10 बजे प्रातः श्री माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार से प्रस्थान कर सांय 07 बजे वापस शिमला पहुंचेगी। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम “प्रथम दर्शन सेवा” योजना के तहत लगभग 100 के करीब बस रूट चलाने पर विचार कर रहा है जिसमे हिमाचल सहित बाहरी राज्यों के तीर्थ स्थलों को भी कवर किया जाएगा ताकि प्रदेश के लोगों सहित बाहरी राज्यों से आने-जाने वाले पर्यटकों को भी धार्मिक स्थलों के दर्शन संभव हो सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक तीन रूट चलाए जा चुके हैं जिसमें शिमला से श्री माता भंगायणी हरिपुरधार, धर्मशाला से ज्वालाजी-चिंतपूर्णी तथा चिंतपूर्णी से खाटू श्याम बस रूट शामिल है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अमृतसर, ब्यास, वृंदावन, अयोध्या, हरिद्वार, तथा अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी बस रूट चलाए जाएंगे ताकि प्रदेश के लोगों को बाहरी राज्यों के धार्मिक स्थलों के लिए जाने के लिए बेहतर बस सुविधा उपलब्ध हो सके। 

मुकेश अग्निहोत्री कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम को घाटे से उभरने के लिए प्रयास जारी हैं, प्रदेश के आम जनमानस, स्कूली बच्चों, कर्मचारियों, गरीब व असहाय लोगों को उनके घर द्वार पर तक बस सुविधा प्रदान करने के लिए घाटे वाले बस रूटों को भी जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल के दौरान हिमाचल पथ परिवहन निगम की दशा बहुत खराब हुई है, जिसे उभारने के लिए वर्तमान सरकार के दस महीने के कार्यकाल में अधिकारियों व कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह व पेंशनरों को पेंशन प्रदान करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि स्ट्राइक पर जाना मसले का हल नहीं है, सरकार या निगम प्रबंधन से चर्चा करके ही मसाले का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने निगम के कर्मचारियों से आवाहन किया कि वह धैर्य रखें, उनकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। 

केंद्र सरकार द्वारा वॉटर सेस न लगाने के संबंध में बार-बार पत्र लिखना अनुचित

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न नदियां बहती है जिस पर कंपनियों द्वारा बिजली के प्रोजेक्ट लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पानी हमारा, बिजली हमारी तथा प्रोजेक्ट हमारी जमीन पर, इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इन कंपनियों पर वाटर सेस लगाने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए वाटर सेस कमीशन स्थापित किया गया है और उसी की अनुशंसा पर ही प्रदेश सरकार द्वारा कंपनियों पर सेस लगाया गया है। पहले 4 हजार करोड़ रुपए का राजस्व आने की संभावना जताई गई थी लेकिन अब कुछ कंपनियों की समस्या को देखते हुए उनसे चर्चा करने के उपरांत ही वॉटर सेस को कम किया गया है जिससे अब सरकार को 1842 करोड़ राजस्व आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वॉटर सेस से राजस्व आना शुरू हो गया है और अब तक 28-29 करोड़ की राशि वाटर सेस से एकत्रित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वॉटर सेस न लगाने के संबंध में बार-बार पत्र लिखना अनुचित है जबकि वास्तव में वॉटर सेस लगाना प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी अपना राजस्व बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया लगाया गया है और इसलिए हिमाचल सरकार को भी अपना राजस्व बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाना जरूरी था। 

मुख्यमंत्री शीघ्र ही स्वस्थ होकर आएंगे हिमाचल

उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित एम्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्वास्थ्य में सुधार है तथा उनके सभी टेस्ट की रिपोर्ट ठीक आई है। इसलिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, उनके स्वास्थ्य संबंधी बुलेटिन में डॉक्टरों द्वारा विस्तार से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही स्वस्थ होकर वापस हिमाचल आएंगे। 

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