प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें : मुख्यमंत्री

  • अधिकारी नवाचार कार्यक्रमों और परिणामोन्मुखी नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का कार्य करेंः मुख्यमंत्री

शिमला: अधिकारियों को नवाचार विचारों के साथ आगे आना चाहिए और लीक से हट कर सोचना चाहिए ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग के सामाजिक-आर्थिक उत्थान और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए नवीन कार्यक्रम और परिणामोन्मुखी नीतियां बनाई जा सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान के कल्पतरू भवन का लोकार्पण करने के उपरान्त हिमाचल प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कही। इस भवन का निर्माण 4.34 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने हिपा के ई-ऑफिस और वाॅल-ई का भी शुभारम्भ किया।

जय राम ठाकुर ने कहा कि हर व्यक्ति का एक सपना होता है और सपने को वास्तविकता में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा की पहचान करना महत्वपूर्ण है और व्यक्ति को हमेशा एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें ताकि वह आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें और प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जो भी कार्य प्रदान किया गया है उसे प्रतिबद्धता और दृढ़ विश्वास के साथ पूरा किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने नेताओं और सरकारी कर्मचारियों के बारे में भी धारणा बनाई है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अधिकारी आम लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए अधिक उत्साह से कार्य करें। उन्होंने कहा कि नई सोच के साथ कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों से वे लोगों के जीवन पर अमिट छाप छोड़े। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों और योजनाओं का लाभ सबसे निम्न स्तर पर रहने वाले व्यक्ति को मिले। अधिकारियों को लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए ताकि विकासात्मक परियोजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण युवा अधिकारियों के लिए है, जो सरकारी सेवा में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए प्रशिक्षण मुख्य रूप से उनके बुनियादी ज्ञान, कौशल और व्यवहार में आवश्यक सकारात्मक परिवर्तन के माध्यम से उनकी दक्षता और संवेदनशीलता पर केन्द्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक, पुलिस, राजस्व, विकास, कर-प्रशासन और अन्य सम्बन्धित विभागों में चयनित अधिकारियों को प्रशिक्षण के अन्तर्गत सरकारी विभागों के सामान्य कार्य के अतिरिक्त बुनियादी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने नागरिक/राजस्व प्रशासन के विभिन्न पहलूओं, विशिष्ट अधिनियमों पर व्यवहारिक अनुभवों के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए हिपा की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनमंच कार्यक्रम के माध्यम से जनता की शिकायतों का घरों के निकट निवारण सुनिश्चित किया, जिससे लोगों को सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत न आने वाले लोगों को शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हिमकेयर योजना शुरू की गई। उन्होंने कहा कि गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के परिवारों को 3000 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने के लिए सहारा योजना शुरू की गई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डाॅ. राजीव बंसल और डाॅ. मनोज शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक सिटीजन इम्पाॅवरमेंट-ए स्टडी आॅफ ई-गवर्नेंस सर्विसिज और डाॅ. राजीव बंसल द्वारा लिखित पुस्तक स्टैपिंग स्टोनज-ए कम्पेंडियम ऑफ़ केस स्टडीज का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एचएएस प्रशिक्षुओं से बातचीत भी की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।

सचिव प्रशासनिक सुधार एवं ग्रामीण विकास और पंचायती राज संदीप भटनागर ने कहा कि प्रशिक्षुओं को सरकारी कार्य की बेहतर समझ सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हिपा के पास योग्य और प्रशिक्षित इन-हाउस फैकल्टी है, जो सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाले नए अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने राज्य सरकार के इस प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान को सुदृढ़ करने में रूचि दिखाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि व्यस्कों की शिक्षा और प्रशिक्षण के तरीके को समझते हुए, हिपा का हमेशा यह प्रयास रहता है कि प्रशिक्षण के उन सभी तरीकों का उपयोग किया जाए जो एक व्यस्क की सीखने-समझने की क्षमता के अनुसार हों।

हिपा के निदेशक विवेक भाटिया ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि नया परिसर राज्य सरकार के अधिकारियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 19 नवनियुक्त एचएएस (हिमाचल प्रशासनिक अधिकारियों) और अन्य सिविल सेवा अधिकारियों ने 8 सप्ताह के फाउंडेशन कोर्स में भाग लिया, जो एक जुलाई से शुरू हुआ और इस माह की 28 तारीख को समाप्त होगा। इन अधिकारियों में नौ हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी, एक हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा अधिकारी, दो तहसीलदार, तीन खंड विकास अधिकारी, दो जिला श्रम एवं रोजगार अधिकारी, एक जिला नियंत्रक खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले और एक पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं की सुविधा के लिए हिपा में खेल परिसर का निर्माण किया जाना चाहिए।

हिपा की अतिरिक्त निदेशक ज्योति राणा ने कार्यक्रम का संचालन किया और धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया।

एचएएस प्रशिक्षुओं डाॅ. विवेक गुलेरिया और शिखा पटियाल ने हिपा में आयोजित दो माह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। दोनों प्रशिक्षुओं ने हिपा के प्रबंधन द्वारा उठाए गए अभिनव कदमों की सराहना की।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *