सोलन: नौणी में एक दिवसीय कृषि-उत्सव 2023 आयोजित: एग्री फेस्ट में 900 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग

कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के बढ़ते अवसरों का उठाए फायदा

सोलन: स्कूली छात्रों को संभावित करियर विकल्प के रूप में कृषि को चुनने के लिए आकर्षित करने के लिए आज डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में एक दिवसीय कृषि-उत्सव 2023 आयोजित किया गया। इस कृषि उत्सव में सोलन और आसपास के क्षेत्रों के 18 स्कूलों के 600 से अधिक स्कूली छात्र, नौणी एवं शूलिनी विश्वविद्यालयों के कृषि के स्नातक छात्र और वैज्ञानिकों सहित 900 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं बागवानी सचिव सी पॉलरासु मुख्य अतिथि रहे। सभा को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 18 प्रतिशत से अधिक है और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में यह सैक्टर न केवल एक बड़ी आबादी को रोजगार प्रदान करता है, बल्कि पहाड़ के लोगों की आर्थिक और पारिस्थितिक भलाई में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे युवाओं को कृषि को अपना प्राथमिक पेशा बनाने की ओर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि बढ़ती आबादी को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने के लिए कुशल खाद्य उत्पादन, प्रसंस्करण और उपभोग प्रणालियों के विकास की आवश्यकता है जिसके लिए कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों और नौकरी के अवसरों के बारे में जागरूकता लाने के लिए विश्वविद्यालय और आईसीएआर की इस पहल की सराहना की।

कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित विभिन्न मॉडलों के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सभी स्कूलों के छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अब देश के मजबूत स्टार्टअप कल्चर के माध्यम से अपने मॉडलों को बड़े स्तर पर ले जाने के बारे में और अपने नए विचारों को सफल व्यावसायिक उद्यमों में बदलना चाहिए। कृषि के क्षेत्र के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि इस क्षेत्र का विस्तार हुआ है और यह कृषि पेशेवरों के लिए विविध प्रकार की नौकरियों और उद्यमिता के अवसरों दे रहा है जिसका फायदा लिया जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्टता हासिल करने के साथ-साथ जीवन कौशल सीखने पर भी ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

इससे पहले, कुआंटम पेपर्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सुधीर कुमार शर्मा ने छात्रों को कृषि और वानिकी क्षेत्रों द्वारा पेश किए गए विभिन्न रोजगार और उद्यम अवसरों के बारे में बात की। कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री के डीन डॉ. सीएल ठाकुर  ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी जबकि कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के डीन डॉ. मनीष शर्मा ने शैक्षणिक, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा में विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों और विभिन्न पाठ्यक्रमों की कैरियर की संभावनाएँ पर एक प्रस्तुति दी। ।

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि एग्रीफेस्ट 2023 का आयोजन भारतीय कृषि की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और कई कृषि वस्तुओं के उत्पादन में अग्रणी बनने की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता लाने के साथ साथ सर्वोत्तम प्रतिभाओं को कृषि क्षेत्र की लगातार बढ़ती गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

इस महोत्सव में प्रख्यात वैज्ञानिकों के व्याख्यानों, क्षेत्रीय दौरों, वैज्ञानिकों के साथ बातचीत, विभिन्न विभागों, स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक कंपनियों की प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की गईं। कृषि में ड्रोन के उपयोग पर प्रदर्शन छात्रों को विशेष रूप से पसंद आया।

स्कूली बच्चों के लिए ‘भारतीय कृषि- कमी से अधिशेष तक की यात्रा’ विषय पर एक मॉडल प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने अपने नए विचारों को मॉडल के माधायम से प्रदर्शित किया। प्रतियोगिता में राजकीय माध्यमिक विद्यालय कालाघाट के मिश्रित खेती के मॉडल ने प्रथम पुरस्कार जीता। पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार के मॉडल के लिए गीता आदर्श विद्यालय, सोलन ने दूसरा पुरस्कार जीता जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बोझांजी को तीसरा पुरस्कार मिला। बीएल सेंट्रल स्कूल, सोलन और गवर्नमेंट हाई स्कूल, धारजा ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। ओपन एयर थिएटर में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ महोत्सव का समापन हुआ।

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