हिमाचल: प्रदेश में 6 दवाओं के सैंपल फिर फेल, देश भर में 20 सेंपल

AIIMS में मिलेंगी कैंसर और शुगर की 359 तरह की दवाएं फ्री

केंद्र सरकार ने दिल्ली एम्स में उपचार करवाने आ रहे कैंसर, मधुमेह, गठिया और सोरायसिस सहित अन्य मरीजों को बड़ी राहत दी है। एम्स प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जेनेरिक फार्मेसियों की सूची का विस्तार किया गया है। इसमें कैंसर, गठिया, मधुमेह सहित कई बीमारियों की दवाएं शामिल हैं, जिसके लिए 359 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। इसके अलावा पाल्बोसिक्लिब, डेसैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट जैसी महंगी कैंसर दवाएं भी मुफ्त दी जाएंगी। एम्स निदेशक डॉ. (प्रो.) एम श्रीनिवास ने कहा कि इस फैसले के बाद इलाज के लिए आने वाले हजारों गरीब मरीजों को राहत मिलेगी।

मौजूदा सूची में 63 दवाएं जोड़ी गईं। इसमें पाल्बोसिक्लिब, डासैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट, ट्राइमाज़ेट, मैगेस्टेरोल एसीटेट, ल्यूकोवोरिन सहित अन्य दवाओं के नाम शामिल हैं जो कैंसर सहित अन्य रोग में काम आते हैं। इसके अलावा मधुमेह के लिए इस्तेमाल होने वाले अन्य दवाएं भी शामिल हैं। इसमें नियमित इंसुलिन, एनपीएच इंसुलिन, इंसुलिन प्रीमिक्स 30/70 भी मुफ्त दवाओं की सूची में शामिल हैं। वहीं, इस बारे में एम्स की मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा कि फार्मेसी उन गरीब मरीजों के लिए आशा की किरण है जो आर्थिक कारणों से दवाएं नहीं ले पाते।

वहीं दिल्ली एम्स में एक मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को रहने की इजाजत दी गई है। चाहे वह इलाज और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए एम्स ओपीडी में आया हो या एम्स वार्ड में भर्ती हो। इसके अलावा एम्स के अन्य परिसरों में भी यह नियम लागू होगा। भीड़ कम करने और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर एम्स ने यह कदम उठाया है। इसको लेकर एम्स ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में एक मरीज के साथ एक तीमारदार को रहने की अनुमति देने की सलाह दी गई है। यहां भर्ती मरीज से परिजन शाम 4 बजे से 6 बजे तक मिल सकेंगे।       

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