जिला परिषद काडर कर्मियों को लेकर हिटलर जैसा रवैया अपना रही सरकार – बलवीर वर्मा

धमकाकर कर्मियों को काम पर लौटाना चाहती है सरकार 

शिमला : हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद काडर कर्मचारी लगातार हड़ताल पर है। सरकार इन कर्मचारियों पर दबाव बना कर काम पर लौटाना चाहती हैं। यह आरोप भाजपा प्रवक्ता बलवीर वर्मा ने लगाये हैं। उन्होेंने कहा कि जिला परिषद काडर के 4700 कर्मचारी लगातार पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग के साथ विलय की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा उसी तर्ज पर वेतन और रेगुलर आधार पर नियुक्ति की भी मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार हड़ताल पर गए कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लेने का फरमान जारी करने की बात कही जिसको वर्मा ने कर्मचारियों के खिलाफ हिटलर जैसा रवैया अपनाने जैसा कहा है।

भाजपा प्रवक्ता बलबीर वर्मा ने कहा कि हड़ताल पर गए जिला परिषद काडर कर्मचारियों के प्रति सरकार का रवैया हिटलर जैसा है और सरकार डरा धमका कर कर्मचारियों को काम पर लौटना चाहती है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद काडर कर्मचारियों को आंदोलन पर गए हुए 1 महीने से ऊपर का समय हो गया है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं किया गया है। बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन 32 पंचायत के अंदर विकास के काम ठप पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कर रही है जो सरासर गलत है। पूर्व भाजपा सरकार ने नोटिफिकेशन निकाल कर इन कर्मचारियों को रेगुलर बेसिस अपॉइंटमेंट और वेतन दिया। कर्मचारियों को वेतन मिलना शुरू भी हो गया था। लेकिन कांग्रेस ने सरकार में आते ही नोटिफिकेशन को डिनोटिफाई कर दिया। उन्होंने कहा कि रूरल डेवलपमेंट और जिला परिषद कर्मचारियों का कार्यक्षेत्र एक जैसा है लेकिन वेतन में बड़ा अंतर है। ऐसे में सरकार हड़ताल पर गए कर्मचारियों की समस्याओं का तुरंत समाधान करे।

उन्होंने कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में जहां इन कर्मचारियों की सहायता से आपदा में हुए नुकसान का आंकलन कर गरीब शोषित, वंचित लोगों तक सरकार द्वारा सहायता पहुंचाई जा सकती थी। परंतु सरकार के उदासीन रवैये के कारण इस काम में देरी हो रही है। उन्होंने आशंका जताई हैं कि प्रदेश में जल्द ही बर्फबारी का सीजन शुरू होने वाला हैं जिस वजह से कम से कम 4 महीने तक आधे से अधिक हिमाचल प्रदेश सुविधाओं से कट जाता है। ऐसे में यह विलंब प्रदेश की जनता को मंहगा पड़ेगा। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इन कर्मियों से वार्ता कर इस विषय का निपटारा करना चाहिए।

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