अनुसंधान सलाहकार समूह की बैठक में वानिकी क्षेत्र की अनुसंधान परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दिये सुझाव

शिमला: हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला में अनुसंधान सलाहकार समूह की महत्वपूर्ण वार्षिक बैठक 06 अक्टूबर 2023 को संस्थान में आयोजित  की गई, जिसमे उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, वन विभाग के  अधिकारियों, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों ने वानिकी क्षेत्र से संबन्धित विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं की कार्ययोजना, नीति एवं उनके क्रियान्वयन पर चर्चा की और अपने सुझाव दिये ।

संस्थान के निदेशक डॉ. संदीप शर्मा, निदेशक  ने बताया कि संस्थान के अधिकार क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए वानिकी अनुसंधान एजेंडा को प्राथमिकता देने के लिए हर साल अनुसंधान सलाहकार समूह बैठक आयोजित की जाती है । उन्होनें सभी विशेषज्ञों से परियोजना प्रस्तावों में अपने महत्वपूर्ण सुझावों देने का आग्रह किया । डॉ॰ आर॰ के॰ वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने संस्थान की उपलब्धियों एवं वर्तमान में चल रही परियोजनाओं के बारे में जानकरी दी ।

डॉ॰ पी॰ एस॰ रावत, सहायक महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहारादून ने अनुसंधान सलाहकार समूह बैठक के उदेश्य के बारे में बताया और कहा कि परिषद के हर संस्थान में इस बैठक का मकसद परियोजना प्रस्तावों में विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण सुझावों को समाहित करना होता है, ताकि इसकी व्यवहरिकता को बढाया जा सके । उन्होनें विश्वास जताया कि विशेषज्ञयों के महत्वपूर्ण सुझावों से शोध परियोजना प्रस्तावों की गुणवता बढ़ेगी ।

संस्थान के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान सलहकार समूह के समक्ष 06 नई परियोजनाएँ प्रस्तुत की जिस पर विस्तृत चर्चा की गई और विशेषज्ञों द्वारा दिये गए सुझाव इसमे समाहित कर, बैठक की संस्तुतियों एवं अनुमोदित शोध प्रस्तावों को भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून को परिषद की अनुसंधान नीति समिति के मूल्यांकन एवं अनुमोदन हेतु भेजा जाएगा । प्रस्तावित अनुसंधान परियोजनाएं क्रमश ईकोफ्रेंडली नैनो पार्टिकल द्वारा निओजा के कीट का नियंत्रण, हिमचल प्रदेश एवं जम्मू क्षेत्र से शीशम के रोग प्रतिरोधक क्षमता के  क्लोन का विकास एवं मूल्यांकन करना, जूनीपर के जंगलों का मूल्यांकन, आजविका के लिए दाडु का सरंक्षण, सेलिनम के उच्च गुणवता के अनुवंशिकी स्टॉक की पहचान एवं ट्रांस हिमालयन के बीज के गुण एवं मिट्टी-बीज बैंक डाइनेमिक्स विषय पर अनुसंधान सलाहकार समूह के समक्ष पेश की गई ।

इसके साथ बैठक में संस्थान में वर्तमान में चल रही 07 शोध परियोजनाओं की समीक्षा की गई । इस मौके पर प्रो॰ एमिर्ट्स डॉ॰ टी॰ एन॰ लखनपाल, डॉ॰ एस॰ एस॰ डी॰ भारद्वाज डीन (सेवानिवृत), डॉ सुशील कापटा, अतिरिक्त मुख्य  अरण्यपाल, (सेवानिवृत), डॉ॰ सी॰ एल॰ ठाकुर डीन, वानिकी कॉलेज,  डॉ॰ वाई॰ एस॰ परमार नौणी सोलन, डॉ॰ आर॰ एस॰ मिनहास अध्यक्ष हीमोर्ड संस्था, रामपुर, डॉ, शेलेज सूद, वरिष्ठ वैज्ञानिक आलू अनुसंधान केंद्र शिमला एवं डॉ के के प्रमानिक, मुख्य  वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, शिमला मौजूद थे ।

इसके अलावा कई विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़े थे । डॉ॰ संदीप शर्मा ने विशवास जताया कि विषय विशेषज्ञ द्वारा दिये गए सुझावों एवं संशोधनों को प्रस्तावित शोध परियोजनाओं में समाहित करने से उनकी व्यवहारिकता तथा उपयोगिता अवशय बढ़ेगी ।

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