शिमला: महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

शिमला: गांधी जयन्ती तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती के अवसर पर कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में आज कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें स्मरण किया गया। इस अवसर पर उपस्थिति लोगों ने महात्मा गांधी द्वारा बताए गए अहिंसा के मार्ग पर चल देश की एकता व अखण्ड़ता को कायम रखने की शपथ ली।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष आनन्द कौशल, महासचिव अमित पाल सिंह, देवेन्द्र बुशेहरी, यशपाल तनाईक, अनिता वर्मा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष अनुराग शर्मा, प्रदेश कांग्रेस सचिव सुशांत कपरेट, चन्द्र मोहन ठाकुर, भुपेन्द्र कंवर, सुरेश नागटा, बलदेव ठाकुर, इन्द्रजीत सिंह, रवि चौहान, प्रदेश प्रवक्ता एस. एस. जोगटा के अतिरिक्त शशि शेखर चिन्नू, वरुण चंदेल, डॉ. मोहन झारटा, डॉ. मस्त राम शर्मा, राम कृष्ण राणा, विरेन्द्र बाश्टू, सैन राम नेगी, अनूप शर्मा, भुपेन्द्र कौशल, बलदेव ठाकुर बिटटू, महेश ठाकुर, दिनेश चोपड़ा, अनिल चौहान, सतपाल, बृंदा सिंह, प्रभा वर्मा, कृष्णा कुमारी, रुमा शर्मा, ऊषा दिवान्टा, डिंपल, लोकेश्वरी, ऊमा मुदलियार, निर्मल, सुदेशा भाटिया, बबली सल्होत्रा, बनिता सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों, अग्रणी संगठनों व कांग्रेसजनों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने कहा महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चल कर देश को आजादी दिलाई। आज पूरा विश्व गांधी जी आदर्शों का अनुसरण कर रहा है। ब्रिटिश हकुमत द्वारा नानाप्रकार की यातनाएं देने के बावजूद भी गांधी जी ने अहिंसा के पथ पर चलकर ही देश की आजादी के लिए अनेकों आंदोलन चलाए। विदेशी हुकूमत की दमनकारी नीतियों व अत्याचारों का डटकर मुकाबला किया और देश की जनता को संगठित कर आजादी के आंदोलन को तब तक जारी रखा जब तक भारत स्वतंत्र नहीं हुआ। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने देश के कोने कोने तक आजादी की अलख को जलाए रखा। आज सम्पूर्ण विश्व में अमन व  शांति का पैगाम देने के मकसद से गांधी जी द्वारा सुझाए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया जा रहा है। गांधी जी के बताए अहिंसा के मार्ग पर चल देश की एकता व अखझडता को बनाए रखना ही वर्तमान में उनके लिए सच्ची श्रदांजलि है।

इस अवसर पर वक्ताओं ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और देश के प्रति उनके योगदान को स्मरण किया। लाल बहादुर शास्त्री को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उनके क्रियाकलाप सैद्धान्तिक न होकर पूर्णतः व्यावहारिक और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप थे। उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा दिया, इससे भारत की जनता का मनोबल बढ़ा और सारा देश एकजुट हो गया। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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