बुजुर्गों के खाने पीने और उनकी हड्डियों से संबधित समस्याओं और देखभाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं- डॉ. प्रेम मच्छान

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हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जैसे धूप में बैठना, व्यायाम करना और सामान्य रूप से सक्रिय रहना, उचित नींद का समय बनाए रखना, धूम्रपान छोड़ना, अत्यधिक मात्रा में कैफीनयुक्त पेय से परहेज करना आवश्यक है।

हड्डियों को स्वस्थ्य रखने के लिए जैसे धूप में बैठना, व्यायाम करना और सामान्य रूप से सक्रिय रहना, उचित नींद का समय बनाए रखना, धूम्रपान छोड़ना, अत्यधिक मात्रा में कैफीनयुक्त पेय से परहेज करना आवश्यक है।

प्रश्न- Sir हमने पाया है कि महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की समस्या ज्यादा हो जाती है? इसकी क्या वजह रहती है?

उतर: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों को मदद देने वाले हॉर्मोन कम रिलीज होने लगते हैं। महिलाओं की उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है। इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। महिलाएं जब 20-30 की उम्र में होती हैं, तो उनका शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन अच्छी मात्रा में बना पाता है। लेकिन 30-40 की उम्र आते-आते एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में कम बनने लगता है, इसलिए डाइट में लिए गए कैल्शियम का शरीर ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता और महिला की हड्डियां कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं। यही कमजोर हड्डियां अलग-अलग तरह की समस्याओं का कारण बनती हैं।

प्रश्न- Sir क्या इसकी कोई और वजह भी हो सकती है?शिमला : सुरक्षा के दृष्टिगत खराब, सड़े गले फलों/सब्जियों के विक्रय पर प्रतिबंध

उतर: महिलाओं की कुछ आदतें भी हड्डियों की समस्याएं बढ़ने का कारण बन रही हैं। आज ज्यादातर महिलाओं में विटामिन डी3 की कमी पाई जाती है क्योंकि वो धूप में नहीं लें पातीं। जबकि विटामिन डी3 की कमी पूरी करने के लिए सूरज की किरणें सबसे बेहतरीन है।  दूध कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है। लेकिन आजकल बहुत कम महिलाएं दूध पीती हैं। इसके अलावा महिलाओं की फिजिकल एक्टिविटीज बहुत कम हो गई हैं, जिससे हड्डियों में अकड़न और दूसरी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। घंटों एक जगह बैठने की आदत, सीढ़ियों के बजाय लिफ्ट का इस्तेमाल, घर के काम खुद करने के बजाय गैजेट्स का इस्तेमाल आदि ऐसी बहुत सारी छोटी-छोटी बातें हैं, जिनका हड्डियों पर असर पड़ता है।

प्रश्न- महिलाओं को हड्डी से जुड़ी समस्याओं के लिए क्या करना चाहिए?

उतर: महिलाओं को हड्डी से जुड़ी समस्याओं  खासकर जोड़ों में दर्द, घुटने में दर्द, गठिया, पीठ दर्द, कमर दर्द, एड़ी में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी आदि के लिए अपने रोज की डाइट में कैल्शियम से भरपूर फूड्स जैसे- दूध, दही, पनीर, चीज़, हरी सब्जियां, तिल के बीज, दाल, राजमा, चने, बादाम आदि को जरूर शामिल करें।

हर दिन थोड़ी देर धूप में बैठने की आदत डालें, ताकि आपके शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सके।

हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटीज भी बहुत जरूरी हैं। महिलाओं को हर दिन कम से कम 5000 कदम जरूर चलना चाहिए।

आपको अपना वजन कंट्रोल रखना चाहिए क्योंकि ज्यादा वजन के कारण घुटनों पर जोर पड़ता है और भारी वजन के कारण घुटने जल्दी खराब होंगे। इससे आपकी कार्टिलेज कम घिसती है।

प्रश्न- बुजुर्ग महिलाओं को क्या हड्डियों से संबंधित रोगों के लिए अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है?

उत्तर- जब आपकी उम्र बढ़ती है तो हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए शरीर को पर्याप्त कैल्शियम की जरूरत होती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक होता जाता है, इसलिए ऑस्टियोपीनिया और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए 50 वर्ष की उम्र से ही पर्याप्त हड्डी का स्कैन करवाना चाहिए।उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों और महिलाओं दोनों में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि, शोध संकेत देते हैं कि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस जल्दी होता है। पुरुष करीब 75-80 साल की उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होते हैं, जबकि महिलाओं को 65-70 साल की उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस होता है । उम्र के अलावा, जो महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं, शरीर का ढांचा छोटा है, जल्दी रजोनिवृत्ति हुई है, थायरॉयड की खराबी है और सीलिएक रोग से पीड़ित हैं, उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा होता है। इसके अलावा रक्त विकारों, कैंसर के इलाज और प्रोटॉन पंप अवरोधक और अस्थमा दवाओं जैसी कुछ दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से व्यक्ति को ऑस्टियोपीनिया होने का खतरा होता है जो धीरे-धीरे ऑस्टियोपोरोसिस में बदल जाता है। हड्डियों का अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना कम उम्र से ही शुरू हो जाता है। बचपन और किशोरावस्था में हड्डियों का विकास तेजी से होता है लेकिन एक उम्र के बाद हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। हड्डियों के विकास के लिए ये महत्वपूर्ण वर्ष हैं। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन और प्रतिदिन कम से कम एक घंटे के शारीरिक व्यायाम के साथ उचित संतुलित आहार हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

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