सोलन: केवीके सोलन के वैज्ञानिक ने जीता सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार

सोलन: कंडाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सोलन की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरती शुक्ला ने कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) जोन 1 के कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला के दौरान केवीके गतिविधियों की प्रस्तुति के लिए हिमाचल के 13 कृषि विज्ञान केन्द्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार जीता। केवीके सोलन का प्रबंधन डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा किया जाता है।

कार्यशाला का आयोजन आईसीएआर अटारी लुधियाना और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर द्वारा संयुक्त रूप से उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून में हाल ही में किया गया। कार्यशाला में जोन 1 के 72 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति जीबीपीयूएटी पंतनगर, डॉ. परविंदर कौशल, कुलपति, यूयूएचएफ भरसार और एडीजी (एई) आईसीएआर, नई दिल्ली उपस्थित रहे। कुल मिलाकर 7 तकनीकी सत्र, 2 संयुक्त सत्र और 7 समानांतर सत्र इस कार्यशाला में आयोजित किए गए। पहले संयुक्त सत्र में आठ विश्वविद्यालयों के निदेशक विस्तार शिक्षा ने केवीके को तकनीकी सहयोग और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विस्तार में की गई अभिनव पहल पर प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त भारत भर के वैज्ञानिकों और उद्यमियों के 8 विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। समानांतर तकनीकी सत्रों में 72 केवीके के वैज्ञानिकों ने भविष्य की कार्य योजना के साथ-साथ अपने-अपने केंद्र की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

कार्यशाला में विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार डॉ. इंद्र देव ने भी भाग लिया, जिन्होंने 2022 के दौरान निदेशालय द्वारा केवीके को प्रदान किए गए तकनीकी सहयोग पर एक प्रस्तुति दी और कोविड के बाद से निदेशालय द्वारा की गई पहलों को साझा किया। डॉ. आरती शुक्ला द्वारा दी गई प्रस्तुति को हिमाचल प्रदेश के केवीके में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक खेती, मशरूम की खेती, फलों और सब्जियों की फसलों में अच्छाधन के उपयोग, टमाटर और शिमला मिर्च में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन और सेब और सब्जियों की फसलों में बीमारियों और कीटों के प्रबंधन के लिए पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण को लोकप्रिय बनाने पर केवीके सोलन के काम पर प्रकाश डाला। केवीके तिलहन और दलहन फसलों, श्री अन्न की उन्नत किस्मों को लोकप्रिय बनाने, कृषि ड्रोन पर प्रदर्शन और कंडाघाट और धर्मपुर ब्लॉकों के लिए दो किसान उत्पादक संगठन के गठन की दिशा में भी काम कर रहा है। कार्यशाला के अंतिम दिन सर्वश्रेष्ठ केवीके और सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के निदेशक एवं कुलपति रेनू सिंह द्वारा दिए गए।

कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने स्टेशन की गतिविधियों को प्रदर्शित करके विश्वविद्यालय और केवीके को गौरवान्वित करने के लिए डॉ. आरती को बधाई दी। निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. इंद्र देव, केवीके सोलन के समन्वयक डॉ. जितेंद्र चौहान और स्टेशन के सभी वैज्ञानिकों ने भी डॉ. आरती को बधाई दी।

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