हिमाचल में नया पे स्केल मात्र दिखावा: राजकीय अध्यापक संघ
हिमाचल में नया पे स्केल मात्र दिखावा: राजकीय अध्यापक संघ
शिमला: हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार पर छठे वेतन आयोग के माध्यम से कर्मचारियों को ठगने का आरोप लगाया है। संघ ने नए वेतनमान को दिखावा बताते हुए कहा कि जिस तरह से पंजाब ने नए वेतनमान को लागू किया है, हिमाचल सरकार भी उसी तर्ज पर इसे लागू करे। अन्यथा इससे प्रदेश के कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है।
राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बताया कि हिमाचल सरकार ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को 15% हाइक का विकल्प नहीं दिया है, जिससे कर्मचारियों को फायदा होना था। हिमाचल सरकार न तो पंजाब का वेतनमान दे रही है और न ही केंद्र सरकार का। अगर कर्मचारियों को पूरा फायदा देना ही नहीं था, तो 2016 से लेकर इतना इंतजार क्यों करवाया गया? उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब के समान वेतनमान को लागू करे, अन्यथा कर्मचारी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में इससे पहले 2006 का वेतनमान 2009 में लागू किया गया था. जिसमें रूल 2009 के तहत जो प्रावधान 2009 में पांचवे वेतन आयोग में किए गए थे, बाद में 1-10 -2012 को कुछ खामियों के कारण उस वेतन आयोग में कुछ संशोधन किए गए थे। जिससे बहुत से कर्मचारियों और शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ गया था, लेकिन उसी संशोधन में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार के संशोधन को पीछे छोड़कर एक अपना नया पैरामीटर तय किया था।
उन्होंने कहा कि उस वक्त के वित्त सचिव श्रीकांत बाल्दी ने हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की कमर तोड़ने के लिए उस समय जो-जो कटौती या जहां-जहां कैंची चला सकते थे, उन्होंने पूरी मनमानी करते हुए कर्मचारियों के बहुत से लाभ छीनने का काम किया था। जिसमें पंजाब से हटकर हिमाचल में 1-10-2012 को ग्रेड पे के संशोधन में कर्मचारी व शिक्षकों को इनिशियल स्टार्ट बंद कर दिया था। उन्होंने का कि नए वेतनमान को लागू करने के लिए नई नियुक्तियों एवं पदोन्नति पर 2 साल की बेवजह शर्त थोप दी गई थी और दिनांक 7-7- 2014 को 4-9-14 टाइम स्केल के रूल 2009 के तहत निर्धारित किए गए टाइम स्केल को भी तहस-नहस कर दिया गया था। जिसका खामियाजा छठे वेतन आयोग में आज हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है। पंजाब सहित अन्य राज्यों में यह राशि अधिक है। केंद्र सरकार का वेतनमान और अधिक है। उन्होंने सरकार से पंजाब के वेतन आयोग को जस का तस लागू करने की मांग की है।