कुल्लू: ट्राऊट मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 2.20 से 2.60 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत

कुल्लू: मत्स्य पालन विभाग जिला कुल्लू की जिला स्तरीय कमेटी की पहली बैठक एडीएम कुल्लू एस के. पराशर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस मीटिंग में सुरजीत सिंह प्रोजेक्ट अधिकारी डी.आर.डी.ए.कुल्लू, सुशील जनारथा उप निदेषक मत्स्य पतलीकुहल,  डॉ.वर्षा गुप्ता ए.डी.ओ. कुल्लू,  पामा छेरिंग मैनेजर लीड बैंक कुल्लू,  लाभ सिंह गुलेरिया जल शक्ति विभाग कुल्लू व मत्स्य पालक शक्ति चंद,  देवीसिंह पाल, तोतराम व जीवन लाल उपस्थित रहे।  इस बैठक में प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत सैन्ट्रल सैक्टर व सैन्ट्रली सपान्सरड काम्पोनेट की आगामी पंचवर्षीय (2020-21 से 2024-25 तक) परियाजनओं बारे जिला स्तरीय मत्स्य पालन प्लान को अनुमोदित करके राज्य स्तरीय अपरुवल एंव मोनिटरिंग कमेटी को अनुमोदन हेतू सिफारिश की गई।

सैन्ट्रल सैक्टर स्कीम के तहत शत-प्रतिशत सहायता केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी, इस कम्पोनेंट के अन्र्तगत प्रत्येक वर्ष एक-एक प्रशिक्षण प्रोग्राम मत्स्य पालाकों को ट्राऊट मत्स्य पालन गतिविधियों बारे स्वीकृत किया गया। केन्द्रीय प्रायोजित योजना के तहत प्रतिवर्ष 30-46 ट्राऊट रेसवेज के निर्माण बारे प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया  ताकि जिला कुल्लू में ट्राऊट मत्स्य पालन व उत्पादन को बढ़ावा मिल सके। जिससे प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत ट्राऊट मत्स्य उत्पादन में बढोत्तरी होगी। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष एक-2 थ्री व्हीहर आइस बाक्स सहित  ई-रिक्शा का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया ताकि पोस्ट हार्बेस्ट मैनेजमैट में मत्स्य पालकों को सहायता मिल सके और पोस्ट हार्बेस्ट दौरान होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इस योजना के तहत एक कियोस्क को भी स्वीकृति प्रदान की गई ताकि मत्स्य पालकों के उत्पाद को बेचने हेतू सुविधा प्रदान की जा सके। इसके अतिरिक्त एक मिनि फिश फीउ संयत्र जिसकी उत्पादन  क्षमता 2.00 टन प्रतिदिन होगी, को भी स्वीकृति प्रदान की गई ताकि मत्स्य पालकों को उनकी मांग अनुसार मत्स्य आहार उपलब्ध करवाया जा  सके। प्रधामंन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना जिसे भारत सरकार द्वारा 20 मई को स्वीकृति प्रदान की गई को सभी राज्यों व केन्द्र शसित प्रदेशों में 2020-21 से 2024-25 तक लागू किया जाएगा। इस योजना में 20050 करेाड का निवेश होगा जिसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों व लाभार्थियों द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत मत्स्य उत्पादन व उत्पादकता , पेास्ट हार्बेस्ट व इन्फास्ट्रकचर मैनेजमैंट व मत्स्य मैनेजमैंट फ्रेमवर्क, गुणवता तकनीकी, मत्स्य को सामाजिक सुरक्षा व वैल्यू चेन की कमियों को पूर्ण किया जा सकेगा, जिससे की मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए जा सकेंगे।

अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कुल्लू ने अवगत करवाया कि मत्स्य पालन एक सनराइज सेक्टर है जिसमें पोषक भोजन, स्वरोजगार व आय में वृद्धि की अपार सम्भावनाएं हैं उन्होंने निजी क्षेत्र में ट्राऊट मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतू उत्कृष्ट किस्म का बीज व आहार उपलब्ध करवाने हेतू विभाग को सुझाव दिया तथा विभाग को ट्राऊट पालन क्षेत्र में बीमा योजना को क्रियान्वित करने बारे बधाई दी उन्होने मीटिंग में मत्स्य पालकों द्वारा दिए गए सुझावों को उच्चधिकारियों तक पहुंचाने बारे आश्वासन दिया। उन्होंने ट्राऊट मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनने का सुझाव दिया ताकि व इस क्षेत्र में प्रगति कर सके।

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