विपक्षी सदस्यों ने किया सरकार के 20 कानूनों को एक मुश्त निरस्त करने के प्रस्ताव का विरोध

निरसन और अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक सदन में पास

शिमला: विधानसभा में सदन में 20 कानूनों को निरस्त करने को लेकर कानून मंत्री द्वारा लाए गए निरसन विधेयक 2019 को लेकर विपक्षी सदस्यों सुखविंदर सुक्खू, आशा कुमारी, माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सरकार के 20 कानूनों को एक मुश्त निरस्त करने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार क्यों जल्दबाजी में है। विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के एक देश एक कानून के एजेंडे पर काम कर रही है। सरकार ने प्रदेश के हित में बने 20 कानूनों को एक साथ निरस्त कर दिया है तो सरकार धारा 118 को खत्म करने में भी पीछे नहीं हटेगी। यह गलत परम्परा सरकार शुरू कर रही है यह प्रदेश के आम लोगों के हितों से खिलवाड़ है।

विधेयक को लेकर सदन के सदस्यों की कुछ आपत्तियां है उस पर सदन के सदस्यों को ये जानने का अधिकार है कि आखिर क्यों सरकार इनको निरस्त करना चाहती है। वहीं अग्निहोत्री ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया कि सरकार इस पर जल्दबाजी में क्यों है, इस पर चर्चा की जाए। उसके बाद सदन को इस पर विचार होना चाहिए। प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को खुश करने के लिए कानूनों को निरस्त कर रही है। अग्निहोत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ये ऐसे ही है जैसे 16 होटलों को बेचने का प्लान वेबसाइट पर चढ़ गया था।

विधेयक को लेकर कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश के कुछ कानून बहुत पुराने हैं जिनका कोई आधार नही है और जिनका अब कोई अस्तित्व बचा नहीं है। इसलिए इसमें संशोधन विधेयक लाया गया है और इन 20 कानूनों को हटाने को लेकर सरकार ने सदन में विधेयक लाया है जिसे सदन ने मंजूरी भी दे दी है। विपक्ष बेवजह विधेयक को लेकर आपत्ति जता रहा है। कानून मंत्री ने कहा कि ये कोई बड़े ऐसे कानून नहीं है जिसका प्रदेश के लोगों पर इसका असर पड़ेगा। ये पहले ही अपनी अहमियत खो चुके है। जबकि केंद्र में पहले ही ऐसे ज्यादातर कानून बदल दिए गए है या निरस्त कर दिए गए है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा कि विपक्ष विधेयक को लेकर अनावश्यक आपत्ति जता रहे है जबकि विधेयकों को लेकर विपक्ष के सदस्यों की तरफ से कोई संशोधन या आपत्ति नहीं आई है अगर विधेयक को लेकर कोई आपत्ति है तो सदस्यों को लिखित में सदन को बताना चाहिए था। विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने सर्वसम्मति से हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक 2019 को पारित कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तीन विधेयकों हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी (संसोधन व विधिमान्यकरण) विधेयक, हिमाचल आकाशी रज्जुमार्ग संसोधन विधेयक व हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण को पुन स्थापित किया।

 

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