“स्कैब” रोग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में किसानों एवं बागवानों को बागवानी विभाग की सलाह....

प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में सिंचाई का साधन है उसे सेब के पौधे देगी सरकार

शिमला : प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में सिंचाई का साधन है और जिनके पास अपनी जमीन है उसे सरकार सेब के पौधे देगी। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि एक बैंक से और एक सरकार की ओर से कंसल्टेंट तैनात करेंगे। यह जानकारी बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व में कंसल्टेंट पर ही करोड़ों फूंक दिए ऐसा हमारी सरकार नहीं करेगी। महेंद्र सिंह ने कहा कि बागवानी विकास के तहत जो भी परियोजनाएं सरकार को स्वीकृत हुई हैं उसमें कलस्टर सिस्टम नहीं रखेंगे।

बागवानी मंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि विदेशों से बड़े पैमाने पर रूट स्टॉक मंगवाए गए, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत पहुंचते ही सूख गए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थितियां व जलवायु उन देशों से भिन्न हैं, जहां से इस प्रकार के रूट स्टॉक मंगवाए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में यहां की जलवायु के अनुकूल रूट स्टॉक तैयार करने की बेहतर संभावना मौजूद है।

2023 तक 13 लाख रूट स्टॉक मौजूदा अधोसंरचना के अनुरूप तैयार होंगे। उन्होंने 2018-19 के लिए इस परियोजना के तहत लगभग 150 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना को भी स्वीकृति प्रदान की। कुल मिलाकर प्रदेश में बागवानी विकास के तहत 1688 और मशरूम की खेती के लिए 423 करोड़ का प्रोजेक्ट है।

उन्होंने कहा कि हम बागवानी को राज्य के सभी क्षेत्रों में लाना चाहते हैं और इसके लिए कलस्टरों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। कलस्टर वही गांव अथवा क्षेत्र चयनित किए जा रहे हैं जहां सिंचाई की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है अथवा सिंचाई योजना निर्माणाधीन है। इसके अलावा, मिट्टी की उपयुक्त जांच करवाकर जलवायु के अनुरूप पौधे लगाए जाएंगे। परियोजना के अंतर्गत बागवानों को बीज से बाजार तक की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। अनेक प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जाएंगी और विपणन की भी व्यवस्था होगी। इनमें युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

 

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *