शिमला: भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की अस्थि कलश यात्रा वीरवार सुबह आठ बजे प्रदेश कार्यालय दीपकमल से शुरू हुई। अटल जी की अस्थियां तत्तापानी में सतलुज नदी में विसर्जित की गईं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल मुख्य रूप से उपस्थित रहे। तत्तापानी पहुंचने पर प्रो.धूमल ने अस्थियों को सतलुज नदी में विसर्जित किया।
तत्तापानी में रथयात्रा के पहुंचने के बाद शोकसभा का आयोजन किया गया। स्थानीय विधायक हीरालाल और मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने संबोधित करते हुए अटल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि भारत ने एक साहित्यकार खोया है। उन्होंने कहा कि सुन्नी महाविद्यालय का नाम अटल के नाम पर रखा जाएगा। कोल डैम का नाम भी अटल के नाम पर रखा जाएगा। शोकसभा में धूमल ने कहा कि आज का दिन तत्तापानी के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण दिवस के रूप में जुड़ जाएगा। अटल जी का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था कि वे एक बार किसी से मिल जाएं तो लगता था कि हमारे अपने परिवार के सदस्य थे। उन्होंने प्रदेश को बिना मांगे ही सब कुछ दिया था। 800 मेगावाट का कोल डैम बिजली प्रोजेक्ट, 250 मेगावाट का पार्वती प्रोजेक्ट, 300 मेगावाट का चमेरा प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हिमाचल के सभी गांव एवं धार्मिक स्थलों को जोड़ा। यात्रा में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा, सांसद रामस्वरूप, महापौर कुसुम सदरेट, विधायक किशोरी लाल, हीरालाल, नरेंद्र बरागटा आदि मौजूद रहे।