सावधान: ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हर तीसरे खरीदार को मिलता है नकली प्रोडक्ट

नई दिल्लीः ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर हाल ही में दो सर्वे हुए। इनमें से एक मार्केट रिसर्च और एनालिटिक्स कंपनी वेलोसिटी एमआर नाम की कंपनी ने किया। कंपनी के मुताबिक सर्वे में सामने आया कि हर तीसरे शख्स में से एक को नकली सामान मिला। सर्वे में यह भी सामने आया है कि ब्रांड जितना पॉप्युलर होता है और जिसकी बिक्री ज्यादा होती है, उस ब्रांड के नाम पर नकली सामान काफी ज्यादा बिकता है। ऑनलाइन शॉपिंग ने जिंदगी आसान बना दी है। घर बैठे हम अपने मनपसंद प्रोडक्ट एक क्लिक पर खरीद लेते हैं। हालांकि जैसे-जैसे ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ रहा है इस फिल्ड में धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। एक सर्वे के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हर तीसरे शख्स को नकली सामान मिलता है। सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ लगातर इस तरह की शिकायतें बढ़ रही हैं।

दूसरा सर्वे लोकलसर्क‍िल नाम की कंपनी ने किया है। इसमें शामिल लोगों में से 38 फीसदी को पिछले एक साल के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग पर नकली सामान मिला। इन लोगों को यह नकली सामान लीडिंग ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर खरीदारी करने पर मिला।

ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी स्नैपडील का कहना है कि पिछले तीन सालों में उसने 45319 सेलर्स को या तो लिस्ट से हटाया है या बैन किया है। वहीं अमेजन का कहना है कि नकली प्रोडक्ट बेचने वाले सेलर्स को खिलाफ एफआईआर कराने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।

ज्यादातर ग्राहकों को कहना है कि नकली सामान में परफ्यूम , फैशन, जूते, कपड़ों समेत कई आइटम शामिल है। य‍ह सर्वे ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए नए नियम लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि नकली प्रोडक्ट को कस्टमर्स तक पहुंचने से रोकने के लिए कई कड़े कदम उठा रही हैं इसमें फ्रॉड सेलर्स को कंपनी की लिस्ट से हटाना, टेंपर प्रूफ पैकेजिंग और गोदाम की नगरानी शामिल है।

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