- वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए कुल 455.03 करोड़ रुपए का लाभांश घोषित, जो अब तक की सबसे अधिक लाभांश अदायगी
- एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर.एन.मिश्र ने नई दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री को किया लाभांश का चेक भेंट
- इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) नंद लाल शर्मा, निदेशक (वित्त) ए.एस.बिन्द्रा, निदेशक (सिविल) कंवर सिंह तथा एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी भी रहे उपस्थित
- एमओयू लक्ष्य की तुलना में एसजेवीएन ने किया 9346 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन
शिमला: सार्वजनिक क्षेत्र के एसजेवीएन लिमिटेड ने वर्ष 2015-16 के वार्षिक वित्तीय निष्पादन के आधार पर कंपनी की 64.5% इक्विटी धारक भारत सरकार को 293.33 करोड़ रुपए का लाभांश अदा किया है। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए कुल 455.03 करोड़ रुपए का लाभांश घोषित किया है जो अब तक की सबसे अधिक लाभांश अदायगी है। अंतरिम लाभांश के रूप में भारत सरकार को 168 करोड़ रुपए की अदायगी पहले ही कर दी गई है तथा अंतिम लाभांश के रूप में शेष 125.33 करोड़ रुपए की राशि का चेक अब जारी किया गया है। गत वर्ष एसजेवीएन ने 434.35 करोड़ रुपए का कुल लाभांश अदा किया था।
एसजेवीएन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर.एन.मिश्र द्वारा नई दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री पीयूष गोयल को लाभांश का चेक भेंट किया गया। लाभांश चेक पी.के.पुजारी, सचिव (विद्युत) तथा विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भेंट किया गया। इस अवसर पर ए.एस.बिन्द्रा, निदेशक (वित्त), नंद लाल शर्मा, निदेशक (कार्मिक), कंवर सिंह, निदेशक (सिविल) तथा एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय विद्युत राज्यमंत्री को चेक भेंट करते हुए मिश्र ने मंत्री को बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान अपने विद्युत स्टेशनों से 8520 मिलियन यूनिट के विद्युत उत्पादन के एमओयू लक्ष्य की तुलना में एसजेवीएन ने 9346 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जल विद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार है। कंपनी हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन का शानदार निष्पादन कर रही है। इसके अलावा कंपनी नेपाल, भूटान, अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार तथा गुजरात में 12 अन्य जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। कंपनी की अन्य दो परियोजनाएं यानि हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना तथा महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना पहले से ही प्रचालनाधीन है। एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है तथा वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।