शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास को लेकर गंभीर नहीं है और आधारभूत ढांचे का विकास करने में नकारा साबित हुई है। प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए अति आवश्यक था कि सड़कों, विशेषकर राजमार्गों के रखरखाव व निर्माण को सरकार उच्च प्राथमिकता प्रदान करती, परन्तु इस समयावधि में नई सड़कों के निर्माण तो दूर पुरानी सड़कों के रखरखाव के प्रति भी सरकार गंभीर नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया था कि पांच वर्षों में 7500 कि.मी. नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा, पर लगभग चार वर्षों में सरकार मात्र 1475 कि.मी. सड़क निर्माण ही कर पाई है। इसके विपरीत पूर्व भाजपा सरकार ने पहले चार वर्षों में 3322 कि0मी0 नई सड़कें व 240 पुलों का निर्माण तथा 2953 कि.मी. सड़कों को पक्का किया था। सड़कों के निर्माण का यह अंतर कांग्रेस व भाजपा सरकारों के बीच के अंतर को बताने के लिए पर्याप्त है।
प्रो. धूमल ने कहा कि केन्द्र से प्रदेश को 56 नए राष्ट्रीय उच्च मार्ग स्वीकृत हुए हैं, पर प्रदेश सरकार इनके निर्माण को लेकर कतई गंभीर नहीं है। केन्द्र से इन राजमार्गों की डीपीआर तैयार करने के लिए धन की स्वीकृति मिलने के बावजूद इन्हें तैयार करने में की जा रही देरी से प्रदेश के विकास के प्रति सरकार की मंशा को समझा जा सकता है। सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और लालफीताशाही के चलते नालागढ़-स्वारघाट, ठियोग-हाटकोटी व कई अन्य महत्वपूर्ण सड़क मार्ग सरकार की लापरवाही से अधर में लटके हुए हैं। प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा, फोरलेन संघर्ष समिति के फैक्टर-2 के तहत चार गुना मुआवजे की मांग को जायज ठहराते हुए उसका समर्थन करती है। जब मुआवजे के सारे धन का वहन केन्द्र सरकार द्वारा किया जाना है तो प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों को प्रताड़ित किया जाना उचित नहीं है। यह केवल अन्याय की पराकाष्ठा है। भाजपा इस मसले पर प्रदेश सरकार के रूख की कड़ी निंदा करती है।