स्विफ्ट-व्यापार करने में सुगमता की दिशा में एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण

  • डी. एस. मलिक
  • विशेष लेख

गत दो साल के दौरान केंद्र सरकार की व्यापार करने में सुगमता में सुधार की पहलों के तहत केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) द्वारा कई सरलीकरण कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में की गई घोषणा के क्रम में और ‘व्यापार करने में सुगमता’ पहलों के क्रम में सीबीईसी ने कस्टम्स स्विफ्ट (व्यापार को आसान बनाने के लिए एकल विंडो इंटरफेस) स्वीकृति परियोजना को पेश किया, जो 1 अप्रैल, 2016 से लागू हो चुकी है।

स्विफ्ट से भारत को विश्व बैंक की व्यापार करने में सुगमता रिपोर्ट 2016 में अपनी रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी। फिलहाल भारत व्यापार करने में सुगमता में 189 देशों की सूची में 130वें स्थान पर है, जबकि वर्ष 2015 में यह 134वें पायदान पर था। कस्टम्स स्विफ्ट से आयातकों/निर्यातक इंडियन कस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल/इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (ईसी/ईडीआई) गेटवे या आइसगेट पोर्टल पर एक समान इलेक्ट्रॉनिक ‘एकीकृत घोषणा’ करने में सक्षम हो जाएंगे। इस एकीकृत घोषणा सीमा शुल्क, एफएसएसएआई, प्लांट क्वारंटाइन, एनीमल क्वारंटाइन, औषधि नियंत्रक, वन्य जीव नियंत्रण ब्यूरो और वस्त्र समिति के लिए जरूरी जानकारियों का संकलन होता है। यह उन 9 फॉर्मों की जगह लेता है, जो इन 6 विभिन्न एजेंसियों और सीमा शुल्क विभाग के लिए जरूरी होते हैं। एकल खिड़की की शुरुआत के साथ ही सीबीईसी ने साझेदार सरकारी एजेंसियों के लिए एक एकीकृत जोखिम प्रबंधन सुविधा भी शुरू कर दी है, जिससे सुनिश्चित होगा कि एजेंसियां नियमित आधार पर जांच और परीक्षण के लिए खेपों का चयन न करें, बल्कि ऐसा जोखिम प्रबंधन के सिद्धांत के आधार पर किया जाए।

इससे भागीदार एजेंसियों के लिए अपने संबंधित कार्यक्षेत्रों (मानव और पशु स्वास्थ्य, जैव सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित) में ज्यादा प्रभावी रूप से काम करने में मदद मिलेगी। इस घटनाक्रम के साथ आज भारतीय सीमा शुल्क विभाग दुनिया के कुछ ऐसे चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो जहां एकल खिड़की मंजूरियों, कई साझेदार सरकारी एजेंसियों के भटकाव से बचाने वाली और एकीकृत जोखिम आधारित चयन वाली व्यवस्था लागू है।

एकल खिड़की का क्रियान्वयन देश की सबसे ज्यादा जटिल व्यवस्था का समाधान है, जिसे डायरेक्टर जनरल ऑफ सिस्टम्स द्वारा लागू किया गया है। एकल खिड़की और ‘एकीकृत घोषणा’ को लागू करने के लिए सरकारी विभागों और निजी क्षेत्र की एजेंसियों दोनों की आईटी व्यवस्था को बदल दिया गया था। इस पूरी कवायद को बेहतर सामंजस्य के साथ किया गया था और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स और एकल खिड़की दल के अधिकारियों के अथक प्रयासों के बाद ही यह संभव हो सका है।

एकल खिड़की प्रणाली देश के प्रवेश और निकासी के बिंदुओं पर सामानों की मंजूरियों के लिए व्यापार को आसान बनाने के कदमों को लागू करने के लिए अहम है। आयात और निर्यात प्रक्रियाओं में कुशलता से व्यापार आधारित लागत और देरी कम होने से आयातकों और निर्यातकों का काफी पैसा बचेगा। मानक संचालन प्रक्रिया और टाइमलाइन्स के प्रकाशन में सरकारी एजेंसियों की भागीदारी के लिए कैबिनेट सचिव की अगुआई वाली सचिवों की समिति ने सभी संबंधित विनियामकीय एजेंसियों के लिए मानदंड और लक्ष्य तय कर दिए हैं। एजेंसियों और उद्योग जगत के विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर काम करने के क्रम में बंदरगाह और केंद्रीय स्तर की सीमा शुल्क स्वीकृति सुविधा समितियां (सीसीएफसी) स्थापित की गई है, जिनका उद्देश्य कार्गो के आयात और निर्यात के लिए अंतर-एजेंसी प्रक्रियाओं और दस्तावेजी जरूरतों का सरलीकरण और सुगम बनाना है।

सीबीईसी प्रमुख नजीब शाह के मुताबिक आयात और निर्यात मंजूरियों से जुड़ी समय और लागत सरकार के लिए बड़ी चिंता रही है। लेनदेन लागत और कार्गो जारी करने के समय में कटौती के क्रम में सीबीईसी बीते दो साल के दौरान कई कदम उठा चुका है। इस दिशा में एक अहम कदम के तौर पर कस्टम की एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था की शुरुआत की गई है। शाह ने कहा कि एकल खिड़की परियोजना के लिए विभिन्न पक्षों में खासा उत्साह और सहयोग देखने को मिल रहा है। विभाग के प्रयासों और भागीदारी के लिए निजी क्षेत्र में दिख रहे जोश से विभाग को समयबद्ध तरीके से परियोजना को पेश करने में मदद मिली।

स्विफ्ट के प्रमुख लाभ

  • – इससे आयातित वस्तुओं को स्वीकृति के लिए एक एकल बिंदु इंटरफेस मिलेगा।
  • – 9 अलग-अलग दस्तावेजों के स्थान एक एकीकृत सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक घोषणा इसकी जगह लेगा।
  • – समय कम लगने और व्यापार करने में सुगमता में सुधार से कारोबार करना सरल होगा।
  • – दस्तावेज तैयार करने में और मंजूरी में लगने वाली लागत कम होगी।
  • -एकल मंच पर 6 भागीदार एजेंसियां आएंगी।
  • – इससे करदाताओं के लिए इन एजेंसियों से अलग-अलग संवाद की जरूरत खत्म होगी।

स्विफ्ट वास्तव में सरकार की नई व्यापार सरलीकरण पहलों को लागू करने के लिए काफी काम किया है, जो आने वाले समय में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

लेखक डी. एस. मलिक पत्र सूचना कार्यालय में अपर महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं।

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