नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर भारत में रह रहे हैं उनके लिए कई सुविधाएं बढ़ाने की मंजूरी दी। सरकार ने यह कदम उनकी कठिनाइयों में सहजता लाने के उद्देश्य से की है, जिनमें प्रमुख सुविधाएं निम्नलिखित है :
- बैंक खाता खोलना।
- स्व-नियोजन और स्व-रोजगार हेतु उपयुक्त आवास के लिए संपत्ति के खरीद की अनुमति।
- स्वरोजगार की अनुमति।
- ड्राइविंग लाइसेंस, पैन नंबर और आधार नंबर जारी करना।
- जिन राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेश जहां वे रह रहे हैं वहां मुक्त आवागमन की अनुमति।
- एक से दूसरे राज्य में एलटीवी कागजात के स्थानांतरण की सुविधा।
- समय पर कम अवधि के वीजा/एलटीवी के विस्तार नहीं होने पर पर दंड में छूट।
- वर्तमान निवास स्थान से ही एलटीवी के लिए आवेदन देने की अनुमति।
ऐसे लोगों को नागरिकता नियम 2009 में संशोधन द्वारा नागरिकता प्राप्ति की सुविधा प्रदान, प्रावधानों द्वारा निम्नलिखित तरीके से मदद मिलेगी—–
कलेक्टर / डीएम आवेदक को निष्ठा की शपथ के लिए उप मंडल मजिस्ट्रेट के पद से नीचे के अधिकारी को प्राधिकृत करना।
भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए 7 राज्यों के 16 जिलों के कलेक्टरों को सौंप दो साल की अवधि के लिए दी जाएगी, जो निम्नलिखित है :
संख्या | राज्य | जिले |
1 | छत्तीसगढ़ | रायपुर |
2 | गुजरात | अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छ |
3 | मध्य प्रदेश | भोपाल और इंदौर |
4 | महाराष्ट्र | नागपुर, मुंबई, पुणे और ठाणे |
5 | दिल्ली | पश्चिम दिल्ली और दक्षिण दिल्ली |
6 | राजस्थान | जोधपुर, जैसलमेर और जयपुर |
7 | उत्तर प्रदेश | लखनऊ |
- भारत की नागरिकता के लिए पंजीकरण शुल्क की मौजूदा सीमा को 3000 रुपये-15000 रुपये से घटाकर 100 रुपये करना।