नई दिल्ली: कृषि मंत्रालय में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ) में सचिव देवेन्द्र चौधरी ने 25 जून 2016 को आईसीएआर-एनडीआरआई और एनबीएजीआर, करनाल (हरियाणा) सुविधाओं का दौरा किया और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।
इसके अलावा चौधरी ने “स्वदेशी नस्लों के लिए राष्ट्रीय गोजातीय जीनोमिक केंद्र” और गोजातीय प्रजनन पर राष्ट्रीय कार्य योजना पर परस्पर प्रभावपूर्ण चर्चा की थी। सचिव ने इस बात पर भी बल दिया कि वैज्ञानिक मवेशियों की स्वदेशी नस्लों में उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम करें, क्योंकि 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी पशु छोटे और सीमांत किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों के पास हैं जो प्रतिदिन 3 किलो दूध देते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए आवश्यक है कि वर्ष 2019-20 तक दूध उत्पादन बढ़ाकर 300 एमएमटी किया जाए। सचिव, डीएडीएफ ने सोनीपत जिले के गन्नौर में सेंट्रल हर्ड रजिस्ट्रेशन स्कीम का भी दौरा किया और क्षेत्र कार्य निष्पादन रिकॉर्डिंग की आवश्यकता पर और दूध की रिकॉर्डिंग की स्थायी कार्यपद्धति विकसित करने पर बल दिया ।