अधिसूचना प्रदेश के वन क्षेत्रों के लिये नहीं होगी लागू
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 10 जिलों की 38 तहसीलों में बन्दरों (रिसेस मंकी) को एक वर्ष की अवधि के लिये वर्मिन घोषित करने के सम्बन्ध में एक अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना प्रदेश के वन क्षेत्रों के लिये लागू नहीं होगी।
प्रदेश की इन 38 तहसीलों में चम्बा जिले की डलहौजी, भटियात, सिहुंता तथा चम्बा, कांगड़ा की नूरपूर, इन्दौरा, फतेहपुर, जवाली, कांगडा, पालमपुर तथा बरोह, ऊना जिले की भरवाईं, अम्ब, उना, हरोली तथा बंगाना, बिलासपुर जिले की घुमारवीं, नैनादेवी, बिलासपुर सदर और नम्होल, शिमला जिले की शिमला ग्रामीण, रामपुर तथा नेरवा, सिरमौर जिले की पच्छाद, राजगढ़, रेणुका, शिलाई तथा कमरऊ, कुल्लू जिले की तहसील मनाली, कुल्लू तथा सैंज, हमीरपुर जिले की बड़सर और बिझड़ी, सोलन जिले की नालागड़, कसौली, सोलन और दाड़लाघाट तथा मण्डी जिले की सुन्दरनगर तहसील शामिल हैं।
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर हिमाचल को बन्दरों से निजात दिलाने के लिये कार्यान्वित की जाने वाली प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। हि.प्र. वन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया भी बैठक में उपस्थित थे। उन्होंने बन्दरों को वर्मिन घोषित करने के लिये केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा इस निर्णय से प्रदेश के लोगों विशेषकर किसानों एवं बागवानों को बड़ी राहत मिलेगी। भरमौरी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के वन क्षेत्रों के बाहर बन्दरों (रिसेस मकैक) द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि उपज सहित जीवन एवं सम्पति के नुकसान की रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजी गई थी तथा इन्हें वर्मिन घोषित करने की मांग की थी।