प्रो.धूमल द्वारा लगाए गए आरोप पूर्णतः असत्य व तथ्यात्मक रूप से गलत : अनिल शर्मा

शिमला: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत केन्द्रीय सहायता समय पर न मिलना अधिकारियों की लापरवाही तथा लक्ष्य पूरे न करना इत्यादि के सन्दर्भ में दिए गए बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा नेता इस सन्दर्भ में लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धूमल द्वारा लगाए गए आरोप पूर्णतः असत्य, तथ्यात्मक रूप से गलत तथा मनरेगा के अन्तर्गत धनराशि में कटौती के मामले में केन्द्र सरकार का कमजोर बचाव हैं। उन्होंने कहा कि उनके आरोप प्रदेश हित में न होकर राजनीति से प्रेरित हैं और जनता को गुमराह करने की नाकायाब कोशिश है।

अनिल शर्मा ने कहा कि धूमल केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 के दौरान मनरेगा के बजट में की गई 42 प्रतिशत कटौती को जानबूझ कर छूपा रहे हैं। इस कटौती से प्रदेश को कुल स्वीकृत 761.71 करोड़ रुपये के लेबर बजट में से केवल 355.43 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए थे। प्रदेश सरकार ने मनरेगा धनराशि में की गई कटौती के विरूद्ध विभिन्न स्तरों पर मजबूती से अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई हैं, लेकिन केन्द्र सरकार ने योजना के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि के मुकाबले स्वीकृत लेबर बजट के अधिक होने की दलील देते हुए वर्ष 2014-15, 2015-16 लिए स्वीकृत लेबर बजट के अनुरूप धनराशि जारी करने में असमर्थता जताई है।

मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 के दौरान केन्द्र सरकार ने मनरेगा में 351.10 करोड़ रूपये की राशि जारी की है तथा अगली किश्त जारी करने के लिये राज्य सरकार ने प्रस्ताव पहले ही भेजा है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के अधिकारी हाल ही में नई दिल्ली जाकर सम्बन्धित मंत्रालय के अधिकारियों से मिले और दूसरी किश्त शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चालु वित्त वर्ष के दौरान अभी तक राज्य के 3,80,291 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाकर 152.07 कार्यदिवस अर्जित किये गए हैं। जिन घरों ने भी रोजगार के लिये आवेदन किया, सभी को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। इस वर्ष अभी तक 15612 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार पूरा कर लिया है।

मनरेगा में दिहाड़ी के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी दिहाड़ी केन्द्र सरकार अधिसूचित करती है और प्रदेश में केन्द्र द्वारा अधिसूचित दिहाड़ी प्रदान की जा रही है। प्रदेश में मनरेगा के अन्तर्गत 162 रुपये से 203 रुपये तक दिहाड़ी दी जा रही है और यह पड़ौसी राज्यों जम्मू-कश्मीर व उत्तराखण्ड के मुकावले अधिक है। उन्होंने कहा कि धूमल पंजाब और हरियाणा में दी जा रही मजदूरी से तुलना करते हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि उनके समय में भी इन राज्यों में दिहाड़ी अधिक थी। दिहाड़ी बढ़ाने के बयान पर उन्होंने कहा कि धूमल को पता होना चाहिए कि मनरेगा की दिहाड़ी केन्द्र सरकार कन्ज्यूमर प्राईस इण्डेक्स के आधार पर बढ़ाती है। धूमल को केन्द्र से दिहाड़ी बढ़ाए जाने के मामले में सकारात्मक सहयोग करना चाहिए।

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