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प्रदेश में लोगों को मिल रहीं आधुनिक उपचार सुविधाएंः मुख्यमंत्री

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार अधोसंरचना के विकास के जरिए एक सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश सरकार ने इस दिशा में अनेक पहल की हैं। ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर और आईजीएमसी शिमला में उन्नत उपकरण, वित्तीय कवरेज के लिए हिम केयर योजना और पहुंच बढ़ाने के लिए अर्बन हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर जैसी पहल शामिल हैं। प्रदेश सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार, कार्यबल को सुदृढ़ करने, दुर्गम क्षेत्रों की चुनौतियों से निपटने और अपने नागरिकों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को अपनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई सुविधाओं के सृजन के दृष्टिगत निरंतर निवेश कर रही है, साथ ही मौजूदा सुविधाओं का उन्नयन किया जा रहा है जिसमें ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर, शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में ट्रॉमा सेंटर के साथ नया ओपीडी और पीईटी ब्लॉक तथा टांडा मेडिकल कॉलेज में एक पीईटी स्कैन मशीन शामिल है। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन से स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया जा रहा है। मरीजों को अटल सुपर स्पेेशलिटी संस्थान चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा दी जा रहा है। अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने, विविध शहरी आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने और पहुंच में सुधार लाने के लिए अर्बन हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना करने की योजना बनाई जा रही है।
हिम केयर योजना के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर आबादी को आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं जिससे वित्तीय बोझ कम होने के साथ स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच की राह भी सुगम हो रही है।
सिरमौर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने जैसी पहल धरातल पर सेवाओं को बेहतर बनाने का शानदार प्रयास है, जिसमें स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का उन्नयन और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना शामिल है।
उप-केंद्र स्तर से राज्य स्तर तक डिजिटल स्वास्थ्य सूचना प्रणाली के एकीकरण का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव और दक्षता में सुधार करना है। प्रदेश सरकार ने रेडियोग्राफर और एक्स-रे तकनीशियन जैसे आवश्यक तकनीकी कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की है।
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने 200 मेडिकल अधिकारी, विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी विभागों में 38 सहायक प्रोफेसर तथा 400 स्टाफ नर्सों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों की दक्षता और बढ़ेगी और लोगों को विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से सुनिश्चित होंगी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने तथा लोगों को किफायती दरों पर विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इन कदमों से प्रदेश के लोगों को आधुनिक उपचार की सुविधा राज्य में ही मिल रही है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।

हिमाचल में तानाशाही कांग्रेस, बात-बात पर हो रही एफआईआर अब बच्चों पर भी केस दर्ज : जम्वाल

शिमला : भाजपा के विधायक एवं वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जम्वाल ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा की हिमाचल प्रदेश में एक महा तानाशाही वाली कांग्रेस सरकार चल रही है जो बात-बात पर हिमाचल की भोली- भाली जनता पर केस एवं एफआईआर करने में अग्रिम रहती है। हाल ही में सोलन जिला के दाड़लाघाट इलाके में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान कुछ बच्चों, छोटी-छोटी बच्चियों एवं जनता ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, क्योंकि लंबे समय से कार्यक्रम के उपरांत उनको भोजन प्राप्त नहीं हुआ और इस तानाशाही सरकार ने उसके खिलाफ भी एक एफआईआर दर्ज कर दी। यह कार्य अति निंदनीय है इस प्रकार की प्रतिशोध की राजनीति आज तक हिमाचल प्रदेश में कभी भी देखने को नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इस हमारी प्यारी बच्चियों के विरुद्ध हुई एफआईआर को सरकार द्वारा तुरंत रद्द एवं वापस लेना चाहिए। अच्छा होता कि आप सामान्य प्रशासन पर केस दर्ज करते।

एफआईआर करना तानाशाही कांग्रेस सरकार की प्रथा : जम्वाल

भाजपा वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि एफआईआर करना तानाशाही कांग्रेस सरकार की प्रथा रही है। हम याद दिलाना चाहेंगे कि जब हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों ने अपनी आवाज उठाई थी तो एक दिन में कांग्रेस सरकार ने 900 से अधिक एफआईआर दर्ज की थी, सचिवालय के बाहर जो लोग देख और सुन नहीं सकते उन्होंने अपने हितों की आवाज उठाई तो उनके ऊपर भी एफआईआर दर्ज कर दी गई, सचिवालय कर्मचारी संघ ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ मेमो दर्ज कर दिए गए, कुछ कर्मचारियों को तो एक ही दिन में लंबी दूरी वाले ट्रांसफर के ऑर्डर थमा दिए गए, विपक्ष ने जब सरकार के खिलाफ आवाज उठाई तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी पर भी एफआईआर दर्ज कर दी गई। इस प्रकार के अनगिनत उदाहरण इस सरकार के जनता के बीच है और इस प्रकार की घटनाएं थम नहीं रही।

आपदा में प्रभावितों और मीडिया कर्मियों पर भी एफआईआर : भाजपा

भाजपा वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि आपदा के समय जब लोग दुखों से ग्रस्त होते हैं और सरकार की ओर राहत की उम्मीदें बांध कर रखते हैं उस समय वर्तमान सरकार के रिवेन्यू मिनिस्टर आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में जाते हैं और राहत के बजाय वहां के 50 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज कर देते हैं और मुकदमा तो देशद्रोह का दर्ज कर देते हैं। किन्नौर, मंडी, कुल्लू, चंबा जगह-जगह इस प्रकार की घटना है सामने आती है। भाजपा वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में समोसे और जंगली मुर्गे पर भी एफआईआर हो चुकी है।

जवाबदेही के साथ करें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल: राज्यपाल

शिमला : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का जवाबदेही के साथ इस्तेमाल करने के महत्त्व पर बल देते हुए कहा कि शब्दों में पवित्रता और शक्ति होती है। राज्यपाल आज बतौर मुख्यातिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित ‘भारत में द्वेषपूर्ण भाषण और चुनाव राजनीति’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि शब्दों का बहुत गहरा प्रभाव होता है। शब्दों से मित्रता और शत्रुता दोनों ही हो सकती है इसलिए इनका इस्तेमाल विनम्रता और गरिमा के साथ किया जाना चाहिए। एक सभ्य समाज में हमारे वार्तालाप में शालीनता और सम्मान झलकना चाहिए।
राज्यपाल ने द्वेषपूर्ण भाषा की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के कुछ प्रतिनिधियों और वर्गों के बीच सार्वजनिक संवाद का गिर रहा स्तर निराशाजनक है। उन्होंने संवाद में मर्यादा बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए नागरिकों से उन लोगों का समर्थन न करने का आग्रह किया जो द्वेषपूर्ण या विभाजनकारी बयानबाजी करते हैं।
उन्होंने कहा कि हिंसा केवल शारीरिक कृत्यों तक ही सीमित नहीं है, आहत करने वाला और द्वेषपूर्ण भाषण भी हिंसा का एक रूप है। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश और समाज के हित में इसका पूरी तरह से खंडन करना चाहिए। राज्यपाल ने शिक्षक समुदाय से युवा पीढ़ी को भाषा के जिम्मेदाराना इस्तेमाल के प्रति संवेदनशील बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का युवाओं के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) योगेश सिंह ने समारोह की अध्यक्षता की और द्वेषपूर्ण भाषा के कानूनी और नैतिक आयामों को उदाहरणों के साथ समझाते हुए अनुच्छेद 19 पर विस्तार से चर्चा की।

बिलासपुर में निजी बस दुर्घटनाग्रस्त 15 शव निकाले गए, 30 से ज्यादा लोग थे बस में सवार, मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना पर जताया गहरा शोक 

मुख्यमंत्री ने  राहत कार्यों में तेज़ी लाने के दिए निर्देश

बिलासपुर : बिलासपुर में मरोतन से घुमारवीं जा रही संतोषी निजी बस पर शुक्र खड्ड के किनारे बरठीं में भल्लू पुल के पास पहाड़ी से भूस्खलन का मलबा गिर गया। मलबा गिरने से बस की छत उड़कर खड्ड के किनारे जा पहुंची। वहीं सारा मलबा बस पर आ गया। जिससे बस पूरी तरह मलबे की चपेट में आ गई। अभी तक बस के अंदर से अभी तक 15 शव निकाले गए हैं। दो बच्चियों और एक बच्चे को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से एक बच्ची की मां दुर्घटना में मारी गई है। बेटियों का प्रारंभिक उपचार बरठीं अस्पताल में चला हुआ है।
बताया जा रहा है कि करीब 30 से ज्यादा लोग बस में सवार थे। घटना करीब साढ़े छह बजे हुई है। बस में मरोतन बरठीं, घुमारवीं और बीच के स्टेशनों के लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि बस में 30 के करीब सवारियां थी। चालक और परिचालक की मौत हो चुकी है। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

प्रदेश के बिलासपुर जिले के झंडूता उपमंडल के बालूघाट क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आने से एक निजी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की दुखद घटना पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ पूरी मज़बूती से खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री निरंतर जिला प्रशासन के संपर्क में हैं और उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि घायलों को तुरंत उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया जाए और उनके इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री शिमला से पूरे हालात की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए भेजी राहत सामग्री

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर से राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री के पांच वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अंतरराष्ट्रीय लायंस क्लब द्वारा प्रदान की गई इस राहत सामग्री में 161 किट हैं जिनमें सूखा राशन, बर्तन, कंबल, तिरपाल और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। यह सामग्री संबंधित उप-मंडल मजिस्ट्रेटों के माध्यम से प्रभावित परिवारों को वितरित की जाएंगी। इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान, कांग्रेस नेता सुरेन्द्र मनकोटिया, लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दिनेश बत्रा, मल्टीपल चेयर कॉर्डिनेटर रमन गुप्ता, डिस्ट्रिक्ट केबिनेट सचिव धीरज जैन, डिस्ट्रिक्ट केबिनेट कोषाध्यक्ष अतुल शर्मा, रीजन चेयरपर्सन रजनीश कतना, शिमला अध्यक्ष गोपाल कृष्ण वैद, प्रोजेक्ट चेयरपर्सन डॉ. आर.के. जिष्टू सहित क्लब के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने इस उदार सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय लायंस क्लब का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस मानसून सीजन के दौरान राज्य को व्यापक नुकसान हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल बहुमूल्य जानें गईं, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आगे आए विभिन्न संगठनों और लोगों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों में भी हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 की तर्ज पर वर्ष 2025 में भी आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये की गई है।

सरकार के फैसलों से नाराज़ मेडिकल कॉलेज शिक्षक, दी सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी

  • SAMDCOT ने जताया कड़ा विरोध

शिमला : राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेज शिक्षकों ने सरकार पर भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है। स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (SAMDCOT) ने सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार के हालिया फैसले न केवल शिक्षकों के हितों के खिलाफ हैं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रहे हैं। संघ ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) से चयनित फैकल्टी से नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस (NPA) हटाने का फैसला लेकर बड़ा अन्याय किया है। जबकि विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) से प्रमोट शिक्षकों को यह सुविधा दी जा रही है। SAMDCOT का कहना है कि इस निर्णय से शिक्षकों के बीच भेदभाव पैदा हो रहा है और प्रतिभाशाली डॉक्टर प्रदेश छोड़कर दूसरे संस्थानों की ओर जा रहे हैं।

संघ ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ऑफिसर्स को 36,000 मासिक वेतन पर नियुक्त करना योग्य डॉक्टरों का अपमान है और इससे युवा डॉक्टर सरकारी सेवा से विमुख होंगे।

KNH का गायनी विभाग IGMC में शिफ्ट करने का विरोध

SAMDCOT ने कमला नेहरू अस्पताल (KNH) के गायनी विभाग को IGMC में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को “अवैज्ञानिक और अव्यवहारिक” बताया है। संघ ने कहा कि KNH में पहले से ही 275 बिस्तर, चार ऑपरेशन थिएटर, 24 घंटे आपातकालीन OT, लेबर रूम, नवजात शिशु इकाई (NICU) और आईयूआई लैब सहित बांझपन उपचार केंद्र जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। संघ के अनुसार गायनी विंग के स्थानांतरण से मरीजों की देखभाल और पीजी छात्रों की ट्रेनिंग पर गंभीर असर पड़ेगा।

संघ ने यह भी आरोप लगाया कि विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल स्तर की नियुक्तियों और एक्सटेंशन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। सीनियोरिटी की अनदेखी और कुछ व्यक्तियों को मनमाने ढंग से पद विस्तार दिए जाने से वरिष्ठ शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है।

संघ की सरकार से तीन प्रमुख मांगें हैं:-

  • सभी शिक्षकों को, चाहे वे किसी भी प्रक्रिया से नियुक्त हों, NPA तुरंत बहाल किया जाए।

  • KNH के गायनी विंग को IGMC में शिफ्ट करने का निर्णय वापस लिया जाए और KNH को एक स्वायत्त मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जाए।

  • प्रमोशन और प्रशासनिक नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

SAMDCOT ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो संगठन सामूहिक इस्तीफे, कानूनी कार्रवाई और आंदोलन जैसे कदम उठाने पर मजबूर होगा।

कार्यशाला में सी बकथॉर्न आधारित आर्थिक सशक्तिकरण और सतत औद्योगिक विकास पर चर्चा

लाहौल स्पीति : उद्योग विभाग ने आज लाहौल स्पीति जिले के काज़ा क्षेत्र में RAMP- UDYAM पंजीकरण, SFURTI, MSE-CDP एवं Greening of MSMEs विषयक जागरूकता कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देना तथा पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम में लाहौल स्पीति के विधायक अनुराधा राणा  और शिखा सिमतिया, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, लाहौल स्पीति सहित अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में उद्योग विभाग के प्रतिनिधियों ने उपस्थित लोगों को योजनाओं के बारे में विस्तार से समझाया, साथ ही एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने अपने प्रश्न और सुझाव व्यक्त किए।

विधायक अनुराधा ने अपने भाषण में कहा कि सी बकथॉर्न (sea buckthorn) क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण संपदा है, जिसका उचित और वैज्ञानिक उपयोग यहां की अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार सृजन एवं आय के स्रोत के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि सी बकथॉर्न की उच्च औषधीय गुणों के चलते इसे स्थानीय समुदाय के लिए एक मजबूत पहचान और ब्रांड के रूप में विकसित करना आवश्यक है। ऐसा करने से न केवल स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि इस क्षेत्र का सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व भी व्यापक रूप से स्थापित होगा।

इस कार्यशाला में 60 से अधिक लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने विभिन्न योजनाओं जैसे RAMP के अंतर्गत आने वाले MSE-CDP, SFURTI तथा MSMEs के पर्यावरण संबंधित और ऊर्जा संरक्षित कार्यप्रणालियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। विभागीय अधिकारीयों ने MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने एवं पारंपरिक कारीगरों के संरक्षण और विकास हेतु चल रही पहलों की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने MSME क्षेत्र की चुनौतियों एवं अवसरों पर भी चर्चा की और नवाचार व संसाधन दक्षता बढ़ाने के सुझाव साझा किए।

उद्योग विभाग का उद्देश्य है कि हिमाचल प्रदेश को सतत औद्योगिक विकास की ओर तेज़ी से अग्रसरित किया जाए ताकि स्थानीय उद्यमियों एवं कारीगरों को व्यापक लाभ मिल सके। उद्योग विभाग ने भविष्य में भी इस प्रकार की जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन जारी रख कर प्रदेश में MSME क्षेत्र को सुदृढ़ करने का संकल्प व्यक्त किया।

पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण संबंधी अधिसूचना जारी

शिमला : राज्य निर्वाचन आयोग, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) शिमला अनुपम कश्यप ने पंचायत चुनावों हेतु मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण संबंधी अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के अनुसार ग्राम पंचायतों के लिए उपमंडलाधिकारी (नागरिक) डोडरा क्वार को पुनरीक्षण प्राधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि जिले के अन्य क्षेत्रों के लिए संबंधित खंड विकास अधिकारी पुनरीक्षण प्राधिकारी होंगे। ये अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूचियों से संबंधित दावे और आपत्तियों का निपटारा करेंगे।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रारंभिक मतदाता सूचियां 6 अक्टूबर, 2025 को प्रकाशित की जाएंगी। दावे और आपत्तियां 8 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक प्रस्तुत की जा सकेंगी। पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा दावे और आपत्तियों का निपटारा 27 अक्टूबर तक किया जाएगा। अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील 3 नवम्बर तक दाखिल की जा सकेगी, जबकि इन अपीलों पर निर्णय 10 नवम्बर तक किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन 13 नवम्बर या उससे पहले किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कनाडा में भारतीय प्रवासियों को दी शुभकामनाएं, हिमाचल आने और निवेश करने का दिया आमंत्रण

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कनाडा के ओटावा स्थित ऐतिहासिक संसद हिल पर आयोजित कुल्लू दशहरा के भव्य समारोह के अवसर पर एक विशेष वीडियो संदेश के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। यह आयोजन सांसद मैरी-फ्रांस लालोंडे द्वारा आयोजित किया गया और हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन (एचपीजीए) द्वारा इसका संयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के कनाडा स्थित उप उच्चायुक्त, वरिष्ठ राजनयिक, सामुदायिक नेता तथा अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित थे।

अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा इस अवसर पर हिमाचल की समृद्ध संस्कृति के जीवंत रंग पूरी भव्यता के साथ प्रदर्शित होंगे, जिससे विदेश में रह रहे लोगों को भी अपने घर जैसा अनुभव मिलेगा। विदेशों में रह रहे सभी हिमाचली हमारे राज्य के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं। मैं कनाडा में रह रहे सभी लोगों को हिमाचल प्रदेश आने और यहां निवेश के अवसरों को तलाशने के लिए आमंत्रित करता हूं।
इस उत्सव में हिमाचल प्रदेश की विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया, जिसमें विश्व प्रसिद्ध हिमाचली लोकनृत्य ‘नाटी’, पारंपरिक रामलीला का मंचन और सभी अतिथियों को परोसी गई हिमाचली धाम मुख्य आकर्षण रहे।
इस आयोजन में 35 से अधिक क्षेत्रीय सामुदायिक संगठनों ने भाग लिया, जो कि हिमाचली प्रवासियों की एकता और सांस्कृतिक गौरव को प्रदर्शित करता है। एचपीजीए की ओर से सह-संस्थापक भाग्य चंदर, अरुण चौहान और विवेक नज्ज़र ने प्रेरणादायक संदेश भेजने और वैश्विक मंच पर हिमाचली संस्कृति को बढ़ावा देने में निरंतर सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।

सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर सिक्योरिटी के पदों के लिए कैंपस इंटरव्यू

शिमला : क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी शिमला देवेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय शिमला, जिला शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा एसआईएस इंडिया लिमिटिड वीपीओ झबोला तहसील झंडूत्ता जिला बिलासपुर के लिए जिला शिमला में सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर सिक्योरिटी के पदों के लिए कैंपस इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास या उससे अधिक (10वीं फेल भी पात्र होंगे), आयु वर्ग 19 से 40 वर्ष होना चाहिए। इन पदों के लिए पुरुष ही आवेदन कर सकते है, जिनकी लम्बाई 168 सेंटीमीटर या अधिक तथा वज़न 52 से 95 किलो ग्राम के मध्य हो।

जो भी इच्छुक उम्मीदवार इन पदों से संबंधित योग्यता रखता हो, अपने सभी अनिवार्य दस्तावेज़ों व रिज्यूम सहित 08 अक्टूबर, 2025 को उप-रोज़गार कार्यालय रामपुर, 09 अक्टूबर को उप-रोज़गार कार्यालय कुमारसैन, 13 अक्टूबर को उप-रोज़गार  कार्यालय जुब्बल, 15 अक्टूबर को  उप-रोज़गार कार्यालय चौपाल तथा 16 अक्टूबर को उप-रोज़गार कार्यालय ठियोग में प्रातः 11 बजे पहुंचे। उन्होंने बताया कि आवेदक का नाम रोज़गार कार्यालय में ऑनलाइन पंजीकृत होना अनिवार्य है और जिनका नाम रोजगार कार्यालय में पंजीकृत नहीं है वह संबंधित साईट eemis.hp.nic.in पर जा कर घर बैठे ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए रामपुर में 82194-15673, कुमारसैन में 88946-44535, जुब्बल में 94592-85953, चौपाल में 70186-24037 तथा ठियोग में 94597-97343 पर सम्पर्क कर सकते हैं।