फसल कटाई के बाद रखरखाव में सुधार और कृषि उपजों के प्रसंस्‍करण को मिलनी चाहिए प्राथमिकता

फसल कटाई के बाद रखरखाव में सुधार और कृषि उपजों के प्रसंस्‍करण को मिलनी चाहिए प्राथमिकता

नई दिल्ली: राष्‍ट्रीय सहकारी वि‍कास नि‍गम की सामान्‍य परि‍षद की दि‍नांक 09 दि‍सम्‍बर, 2015 को नई दि‍ल्‍ली में हुई 78वीं बैठक में एनसीडीसी की सामान्‍य परि‍षद के अध्‍यक्ष तथा माननीय केन्‍द्रीय कृषि‍ एवं कि‍सान कल्‍याण मंत्री राधा मोहन सिंह के संबोधन ‍का मूल पाठ –

सचि‍व (कृषि ‍एवं कि‍सान कल्‍याण) तथा उपाध्‍यक्ष सामान्‍य परि‍षद, इस गरि‍मा पूर्ण संस्‍था के वि‍शि‍ष्‍ट सदस्‍यगण, प्रबंध नि‍देशक, एनसीडीसी तथा मि‍त्रों।

मुझे राष्‍ट्रीय सहकारी वि‍कास नि‍गम की सामान्‍य परि‍षद की 78वीं बैठक में आप सभी का अभि‍नन्‍दन करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है। हम सभी एन.सी.डी.सी. के अधि‍देश तथा कृषि‍एवं गैर-कृषि‍, औद्योगि‍क तथा सेवा क्षेत्रों की सहकारि‍ताओं को वि‍त्‍तीय सहायता के माध्‍यम से देश में सहकारी वि‍कास को बढ़ावा देने में इसकी भूमि‍का तथा इसके कार्यों से भलीभांति‍परि‍चि‍त हैं। नि‍गम, सहकारि‍ताओं की सेवा में पांच दशक से अधि‍क का समय पूर्ण कर चुका है और एक जीवंत संगठन के रूप में सहकारि‍ताओं के अनवरत संवर्धन और वि‍कास हेतु प्रयासरत है।

प्रारम्‍भ में, मैं एनसीडीसी तथा इसके अधि‍कारि‍यों की टीम को वि‍त्‍तीय वर्ष 2014-15 में उनके उत्‍कृष्‍ट कार्यनिष्‍पादन के लि‍ए बधाई देना चाहूंगा । ‍वि‍त्‍तीय वर्ष 2014-15 के दौरान 7160 करोड़ रूपये की स्‍वीकृति‍यां की गईं एवं संवि‍तरण 5736 करोड़ रूपये का रहा, जो कि‍4800 करोड़ रूपये संवि‍तरण (Disbursement) लक्ष्‍य से अधि‍क है। एनसीडीसी को 169.30 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्‍त हुआ। नि‍गम का नेट एनपीए शून्‍य रहा और वसूली दर 99.89% रही। मुझे वि‍श्‍वास है कि‍नि‍गम आगामी वर्षों में अधि‍क से अधि‍क ऊंचाइयों और उच्‍चतर मानदंडों को प्राप्‍त करेगा।

हमारा देश कृषि‍उत्‍पादों का अग्रणी उत्‍पादक है तथा कृषि‍, नि‍रंतर रूप से, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आधार बनी हुई है। यद्यपि‍‍बढ़ी हुई उत्‍पादकता जीवंत कृषि‍क्षेत्र का एक आवश्‍यक घटक है, परन्‍तु फसल कटाई उपरांत प्रबंधन में सुधार तथा प्रसंस्‍करण, कृषि‍उत्‍पाद मूल्‍य संवर्धन, क्षति‍में कमी तथा बाजार में बेहतर गुणवत्‍ता युक्‍त उत्‍पाद पहुंचाने हेतु आवश्‍यक है । इस संबंध में कृषि‍सहकारि‍ताओं की भूमि‍का बहुत महत्‍वपूर्ण है। नि‍गम, कृषकों तथा ग्रामीण जनसाधारण के व्‍यापक हि‍त में सहकारि‍ताओं के वि‍कास को आगे बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमि‍का नि‍भा रहा है और आगे भी नि‍भाता रहेगा।

एनसीडीसी ने मेधावी कार्य को मान्‍यता देने के लि‍ए पुरस्‍कार देना शुरू कि‍या है। दि‍नांक 29 अप्रैल, 2015 को 7वें एनसीडीसी द्वि‍वार्षि‍क सहकारी उत्‍कृष्‍टता पुरस्‍कार समारोह का आयोजन कि‍या गया। इस अवसर पर कृषि‍ एवं कि‍सान कल्‍याण राज्‍य मंत्री मोहन भाई कल्‍याण जी भाई कुंदरि‍या ने पुरस्‍कार प्रदान कि‍ए। सहकारि‍ता की दृष्‍टि‍से अल्‍पतम वि‍कसि‍त, अल्‍प वि‍कसि‍त तथा वि‍कसि‍त राज्‍यों की एक-एक समि‍ति‍को, कुल मि‍लाकर 3 राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार दि‍ए गए। इसके अति‍रि‍क्‍त 28 राज्‍य स्‍तर के पुरस्‍कार, प्रति‍राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र की एक-एक प्राथमि‍क सहकारी समि‍ति‍को दि‍ए गए।

हम पूर्वोत्तर राज्‍यों में सहकारि‍ताओं के वि‍कास पर वि‍शेषरूप से ध्‍यान दे रहे हैं । इस दि‍शा में, एनसीडीसी ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों के राज्‍यों की सहकारि‍ताओं हेतु 21 अगस्‍त,2015 को शि‍लांग में एक सहकारी शि‍खर सम्‍मेलन का आयोजन कि‍या । इस शि‍खर सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता, मेघालय के माननीय मुख्‍य मंत्री डॉ. मुकुल एम. संगमा ने की। इस अवसर पर माननीय केन्‍द्रीय गृह राज्‍य मंत्री कि‍रन रि‍जीजु वि‍शेष अति‍थि‍थे तथा माननीय केन्‍द्रीय कृषि‍एवं कि‍सान कल्‍याण राज्‍य मंत्री मोहन भाई कल्‍याण जी भाई कुंदरि‍या मुख्‍य अति‍थि ‍थे। इस अवसर पर मेघालय, मि‍जोरम, नागालैंड तथा त्रि‍पुरा के सहकारि‍ता मंत्री सम्‍मानि‍त अति‍थि ‍थे। अन्‍य सहभागि‍यों में सचि‍व, सहकारि‍ता, पंजीयक सहकारी समि‍ति‍यां, पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों के सहकारी बैंकों तथा समि‍ति‍यों के मुख्‍य कार्यकारी अधि‍कारी शामि‍ल थे। इस शि‍खर सम्‍मेलन में एनसीडीसी के प्रबंध मंडल के चार सदस्‍यों ने भी भाग लि‍या। इस शि‍खर सम्‍मेलन को माननीय मंत्रि‍यों ने संबोधि‍त कि‍या, जि‍न्‍होंने इस तरह का कार्यक्रम आयोजि‍त करने के लि‍ए एनसीडीसी के प्रयासों की सराहना की। पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों के राज्‍यों ने अपनी प्रस्‍तुति‍यां की तथा मुद्दे उठाए, जि‍न पर सम्‍मेलन में वि‍चार-वि‍मर्श कि‍या गया।

आज की बैठक की मुख्‍य कार्यसूची नि‍गम की वर्ष 2014-15 की वार्षिक ‍रि‍पोर्ट और वार्षि‍क लेखों‍का अवलोकन एवं उन पर वि‍चार करना है। वार्षिक रि‍पोर्ट तथा लेखा परी‍क्षि‍त वार्षिक लेखे, शीतकालीन अधि‍वेशन में, संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखे जाने अपेक्षि‍त हैं।

वि‍भि‍न्‍न अवसरों पर, इस गरि‍मापूर्ण सभा द्वारा दि‍ये गए अधि‍कांश सुझाव, उपयुक्‍त ढंग से संबोधि‍त कि‍ये गए हैं। तथापि,‍वि‍कास एक सतत् प्रक्रि‍या है और नि‍गम की सहायता को और अधि‍क आकर्षक तथा व्‍यवहार्य बनाने के प्रयास जारी हैं।

मैं, सहकारी आंदोलन के संवर्धन की गति‍को तीव्र करने के प्रयासों में आप सभी के हार्दिक‍सहयोग के लि‍ए अनुरोध करता हूं । मि‍त्रों, मैं चाहूंगा कि‍आज की औपचारि‍क कार्यसूची मदों पर वि‍चार करने के पश्‍चात, आप अपने मूल्‍यवान वि‍चार और सुझाव हमारे साथ साझा करें, ताकि ‍एनसीडीसी के व्‍यवसाय तथा प्रदर्शन में और अधि‍क सुधार हो सके।

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