मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा आम के प्रापण को स्वीकृति

उपनिदेशक की अपील: कोहरे से आम, लीची, पपीता, अमरूद, आंवला और नींबू प्रजाति के फल-पौधों का करें बचाव

फलदार पौधों को कोहरे से बचाएं, उपनिदेशक ने की अपील

हमीरपुर: सर्दी के मौसम आम, लीची, पपीता, अमरूद, आंवला और नींबू प्रजाति के फल-पौधों को कोहरे के प्रभाव से बचाने के लिए उद्यान विभाग ने जिला के किसानों-बागवानों से विशेष अपील की है।

विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि प्रदेश के निचले क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से मौसम खुश्क बना हुआ है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। ऐसी परिस्थिति में कोहरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि फलदार पौधों में खासतौर पर आम, पपीता, लीची इत्यादि के पौधों पर कोहरे के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कोहरे से हवा में नमी कम पड़ जाती है। कम तापमान की वजह से पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं। कई बार आने वाले वर्षों में भी फलदार पौधे कम पैदावार देते हैं। आम एवं पपीता इत्यादि पौधों पर कोहरे का प्रभाव अधिक पाया गया है।

राजेश्वर परमार ने बताया कि जिला हमीरपुर में बागवानी फसलों के अधीन लगभग 8000 हैक्टेयर भूमि आती है। यदि मौसम और तापमान में इसी तरह गिरावट आती रही तो अगले कुछ दिनो में कोहरा पड़ने के आसार और बढ़ जाएंगे जो कि सदाबहार पौधे जैसे कि आम, लीची, पपीता, अमरूद, आंवला और नींबू प्रजाति के फल-पौधों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कोहरे से बचाव के लिए 4-5 वर्ष तक के पौधों को घास या सरकण्डे से ढका जा सकता है। कोहरा पड़ने की आशंका होने पर पौधों पर पानी का छिड़काव करें और हो सके तो बागीचे को सिंचित करें। पौधों के तौलियों को घास से ढककर रखें। उपनिदेशक ने बागवानों को सलाह दी कि अनुमोदित मात्रा में पौधों में पोटाश खाद दें जिससे उसकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है।

राजेश्वर परमार ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत बागवान अपने फल-पौधों का बीमा करवायें, ताकि उनके नुक्सान की भरपाई की जा सके।

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