किसानों की निजी भूमि पर ‘एक फसल एक क्लस्टर’ विधि के तहत संतरा, अमरूद, अनार, लीची, प्लम, पीकन नट, परसीमोन, आम इत्यादि फलों को दिया जाएगा बढ़ावा – बागवानी मंत्री

हिमाचल को देश का फल राज्य बनाना प्रदेश सरकार का संकल्प – जगत सिंह नेगी

सोलन: राजस्व, बागवानी तथा जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को देश के फल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए कृत संकल्प है। जगत सिंह नेगी आज डॉ. यश्वन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में उन्नत मृदा एवं पत्ती विश्लेषण प्रयोगशाला में 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित सैंपल प्रसंस्करण खंड का शुभारम्भ करने के उपरांत विश्वविद्यालय के अध्यापकों के साथ आयोजित संवाद सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल को देश का फल राज्य बनाने के लिए डॉ. यश्वन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के वैज्ञानिकों को दिशा परक कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को हिमाचल प्रदेश की विविध जलवायु के अनुरूप विभिन्न फलों की किस्में तैयार करनी होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में विश्वविद्यालय को समुचित सहयोग प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पांच वर्षों में प्रदेश में हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना के तहत लगभग 1300 करोड़ रुपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 07 ज़िलों के 28 विकास खण्डों में 06 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो चरणों में बागवानी क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इससे लगभग 15 हजार से अधिक बागवान परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना के अंतर्गत किसानों की निजी भूमि पर ‘एक फसल एक क्लस्टर’ विधि के तहत संतरा, अमरूद, अनार, लीची, प्लम, पीकन नट, परसीमोन, आम इत्यादि फलों को बढ़ावा दिया जाएगा।

जगत सिंह नेगी ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वह टिशू कल्चर विधि को प्रदेश की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करें ताकि बागवान इससे लाभान्वित हो सके।

बागवानी मंत्री ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में भी वर्तमान में फलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें यह सुनिश्चित बनाना होगा कि हम हिमाचल की विविध जलवायु परिस्थितियों का उचित उपयोग कर हिमाचल को फल राज्य बनाएं।

उन्होंने विश्वास दिलाया कि विश्वविद्यालय की विभिन्न समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जाएगा।

जगत सिंह नेगी ने इससे पूर्व डॉ. यश्वन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के प्रशासनिक प्रागंण में टर्मिनलिया मेटालिका का पौधा रोपा।

उन्होंने विश्वविद्यालय में सेब एवं अन्य फलों की नर्सरी पी.ई.क्यू स्थल, विभिन्न फलों के जीन बैंक, अनुसंधान प्रयोगशाला, तन्तु संवर्द्धन प्रयोगशाला, इलैक्ट्रॉन माईक्रोस्कोप प्रयोगशाला, वानिकी विभाग में बने इनक्यूबेशन केन्द्र का निरीक्षण भी किया।

उन्होंने कहा कि कृषि, बागवानी तथा फूलों की खेती प्रदेश के ग्रामीणों की आय का प्रमुख साधन है। उन्होंने कहा कि डॉ. यश्वन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी को बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने छात्रावासों में भोजन की व्यवस्था भी जांची।

डॉ. यशवंत सिंह परवार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने जगत सिंह नेगी का स्वागत किया और विश्वविद्यालय के कार्यों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।

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