सौ और बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र होंगे स्थापित

सौ ओर बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र होंगे स्थापित

नई दिल्ली: जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीन केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) मौजूदा पंचवर्षीय योजना के दौरान अरुणाचल प्रदेश (3), हिमाचल प्रदेश (1), केरल (2), राजस्थान (12), सिक्किम (8) और तमिलनाडु (14) में पहली बार बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र स्थापित करेगा। इसके अतिरिक्त 60 और बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र उन राज्यों में स्थापित किए जाएंगे, जहां पहले से ही ऐसे केंद्र हैं। ताकि उनके दायरे से बाहर के क्षेत्रों को इसकी सीमा में लाया जा सके।

सीडब्ल्यूसी को अन्य कामों के साथ-साथ भारत में बाढ़ पूर्वानुमान गतिविधियों का कार्य भी सौंपा गया है। इस उद्देश्य के लिए प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों पर 878 स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया गया है। इस समय, अपने नेटवर्क से प्राप्त हाइड्रोलॉजिकल डेटा और भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) के बाढ़ मौसम विज्ञान संगठन (एफएमओ) से प्राप्त मात्रात्मक वर्षा पूर्वानुमान (क्यूपीएफ) का इस्तेमाल कर 176 स्टेशनों के लिए (148 स्तर पूर्वानुमान और 28 अंतर्वाह यानी इनफ्लो पूर्वानुमान) बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया जाता है। सीडब्ल्यूसी के मौजूदा बाढ़ पूर्वानुमान नेटवर्क में 19 राज्य/संघ शासित क्षेत्र/राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, 10 प्रमुख नदी घाटियों (बेसिन) और 72 उप-घाटियों (सब-बेसिन) को शामिल किया गया है।

अब तक 445 स्टेशनों का स्वत: डेटा संग्रह और ट्रांसमिशन सिस्टम के लिए आधुनिकीकरण किया गया है। झेलम, अलकनंदा, भागीरथी, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, चंबल, बैतरणी, वमसाधारा, सुवर्णरेखा, महानदी, तापी, गोदावरी और कृष्णा नदियों पर गणितीय मॉडल विकसित किया गया है। इन पूर्वानुमानों को ईमेल, एसएमएस और वेबसाइट सुविधाओं का उपयोग कर फैलाया जाता है।

इस नेटवर्क के आधुनिकीकरण में स्वतः सेंसर आधारित डेटा संग्रह और सेटेलाइट आधारित डेटा ट्रांसमिशन प्रणाली की स्थापना करना शामिल है। ताकि समय रहते बाढ़ पूर्वानुमान और प्रभावी बाढ़ पूर्वानुमान के लिए एक आयामी गणितीय मॉडलिंग उपकरण का उपयोग कर 72 घंटे के चेतावनी समय के साथ मध्यम दूरी के हाइड्रोलॉजिकल और हाइड्रोलिक मॉडल का विकसित किया जा सके।

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने 2014 के बाढ़ के मौसम के दौरान नई बाढ़ पूर्वानुमान वेबसाइट ई-सरफेस जल सूचना प्रणाली (ई-स्विस) शुरू की थी, जिसने ईमेल/एसएमएस के जरिए समय पर पूर्वानुमान के प्रसार में मदद की है। नेटवर्क में शामिल पूर्वानुमान स्टेशनों पर पिछले 72 घंटों के दौरान नदी के जल के स्तर के रुझान भी वेब पोर्ट्ल (http://india-water.gov.in//ffs) पर आम जनता के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा चेतावनी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए गूगल के आम चेतावनी प्रोटोकाल यानी कॉमन एलर्टिंग प्रोटोकाल (सीएपी) का उपयोग कर बाढ़ चेतावनी संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं।

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