नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायतें, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज बताया कि कार्मिक विभाग ने जिन सरकारी कर्मचारियों के विकलांग बच्चें है, उनके मामले में तबादला नीति में छूट दी है। इसके परिणामस्वरूप ऐसे बच्चों के माता-पिताओं को प्रशासनिक अवरोध की शर्त पर सरकारी सेवा में तबादले की सामान्य प्रक्रिया अपनाये जाने से छूट दी जाएगी। डॉ. जितेन्द्र सिंह भारत और पाकिस्तान की टीमों में खेली जाने वाली टी-20 क्रिकेट श्रृंखला का उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे। इन टीमों में दोनों देशों के विकलांग खिलाड़ी शामिल हैं। यह श्रृंखला विश्व विकलांग दिवस के संबंध में आयोजित की जा रही है।
उनहोंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह छूट ऐसे कर्मचारियों के मामले में दी है, जो अंधेपन या कम दृष्टि, श्रव्य बाध्यता, मस्तिष्क पक्षाघात, लोकोमोटर विकलांगता, मानसिक विकास में कमी, बहुविद विकलांगताओं, स्वलीनता जैसी अपंगता से ग्रस्त है। लेकिन अभी हाल में दो दशाओं थैलेसीमिया और हेमोफिलिया को भी इसमें शामिल किया गया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने पहले से ही सरकारी सेवा वाले अपंगता से ग्रस्त कर्मचारियों के संबंध में कम दृष्टि एड, विशेष फर्नीचर, व्हील चैयर, सॉफ्ट वेयर, स्कैनर और अन्य आवश्यक हार्डवेयर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार के अधीन पदों के लिए आवेदन करने में विकलांग व्यक्तियों को आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट दी जा रही है, बशर्ते कि ऊपरी आयु सीमा 56 वर्ष से अधिक न हो। इसके अलावा ग्रुप-ए, बी, सी, डी में सीधी भर्ती के लिए 3 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित हैं। इसी प्रकार ग्रुप सी और डी में पदोन्नति के लिए भी 3 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित हैं।