एसजेवीएन को उत्तर प्रदेश में 125 मेगावाट की दो सौर परियोजनाएं हासिल : सीएमडी नंदलाल शर्मा

एसजेवीएन ने सौर परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित किया है 2.98 प्रति यूनिट का टैरिफ 

इन परियोजनाओं से उत्पन्न विद्युत का क्रय यूपीपीसीएल द्वारा 25 वर्षों के लिए किया जाएगा

भारत सरकार ने सभी को 24X7 बिजली देने के विजन की परिकल्पना की है : शर्मा 

शिमला: एसजेवीएन लिमिटेड ने हाल ही में उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत 125 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजनाएं हासिल की हैं। कंपनी को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गुरहा में 75 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजना तथा कानपुर देहात जिले के गुजराई में 50 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजना के विकास के लिए उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी  द्वारा आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है।

एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने इन दोनों सौर परियोजनाओं के लिए 2.98 प्रति यूनिट का टैरिफ प्रस्तावित किया है और इन परियोजनाओं से उत्पन्न विद्युत का क्रय यूपीपीसीएल द्वारा 25 वर्षों के लिए किया जाएगा। गुरहा परियोजना 24.22% क्षमता उपयोग कारक (सीयूएफ) के साथ सालाना 159 एमयू ऊर्जा उत्पन्न करेगी और गुजराई परियोजना 24.20% के सीयूएफ के साथ सालाना 106 एमयू ऊर्जा का उत्पादन करेगी।

नन्द लाल शर्मा, अवगत करवाया कि इस आवंटन के साथ, एसजेवीएन के पास अब 1670 मेगावाट की सौर परियोजनाएं निष्पादनाधीन हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी सौर परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है, जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक बहुत बड़ी छलांग होगी।

शर्मा ने आगे कहा कि भारत सरकार ने सभी को 24X7 बिजली देने के विजन की परिकल्पना की है। अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मलेन (कॉप) में, माननीय प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट के नवीकरणीय उर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार है और यह एसजेवीएन को भारत के सभी हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में सक्षम बनाएगी, और साथ ही कम्पनी वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता वृद्धि के अपने साझा विजन को प्राप्त करने में सक्षम होगी।

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