नई दिल्ली: सीमा शुल्क के महानिदेशकों/आयुक्तों की 11वीं एशिया यूरोप बैठक (एसेम) आज गोवा में संपन्न हो गई। 41 एशियाई एवं यूरोपीय देशों और 2 अंतर सरकारी संगठनों यूरोपीय संघ और आसियान के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
बैठक के दौरान सीमा शुल्क से जुड़े प्रशासनों के प्रमुखों ने विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और वर्ष 2016-17 के लिए ‘गोवा घोषणा पत्र’ नामक कार्य योजना पर सहमति जताई। इस कार्य योजना में व्यापार को सुविधाजनक बनाने, सप्लाई चेन की सुरक्षा, अधिकृत आर्थिक ऑपरेटरों की योजना, समन्वित सीमा प्रबंधन, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा पार कचरे की ढुलाई (शिपमेंट), नकली माल के खिलाफ संयुक्त कस्टम परिचालन, कागज रहित कस्टम और यात्री नाम से जुड़े रिकॉर्ड के क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले सर्वोत्तम तौर-तरीकों के आदान-प्रदान एवं क्षमता सृजन का उल्लेख किया गया है। डिजिटल इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के लिए भारत ने ‘कागज रहित कस्टम’ को प्रायोजित किया, जिसे एसेम के सदस्यों की ओर से व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।
बैठक के दौरान भारत और कोरिया ने दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने और त्वरित कस्टम क्लीयरेंस के लिए अधिकृत आर्थिक ऑपरेटरों (एईओ) की योजना को सुविधाजनक बनाने के लिए एक आपसी मान्यता व्यवस्था (एमआरए) पर हस्ताक्षर किए। 12वीं एसेम बैठक की मेजबानी वर्ष 2017 में जर्मनी करेगा। यह बैठक बर्लिन में आयोजित की जाएगी।