नौणी विवि और केवीके सोलन में फलदार पौधों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू

पौधों की बुकिंग में रुचि रखने वाले किसानों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.yspuniversity.ac.in पर ‘फार्मर कोर्नर’ सेक्शन पर जाना होगा

 सोलन: गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की बिक्री के लिए डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय (यूएचएफ), नौणी ने विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और सोलन में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) द्वारा तैयार रोपण सामग्री की बुकिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल पर प्रक्रिया शुरू कर दी है।  

सेब, प्लम, खुमानी, आड़ू, कीवी, नाशपती, अनार, आदि की रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री के लिए बुकिंग शुरू हो गई है और किसान 25 नवंबर तक पौधों की अपनी मांग ऑनलाइन भर सकते हैं। पौधों की बुकिंग में रुचि रखने वाले किसानों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.yspuniversity.ac.in पर ‘फार्मर कोर्नर’ सेक्शन पर जाना होगा।

प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने रोपण सामग्री की बुकिंग के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की है। बुकिंग पोर्टल को विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सूचना केंद्र द्वारा बनाया गया है और रोपण सामग्री की बुकिंग की साधारण प्रक्रिया बनाई गई है। डॉ कौशल ने बताया कि किसानों को अपने बुकिंग फॉर्म जमा करने के लिए विश्वविद्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। इच्छुक किसानों को विश्वविद्यालय के पोर्टल https://www.yspuniversity.ac.in/plantsale_login पर अपने ईमेल के माध्यम से अपना पंजीकरण कराना होगा।

आवेदकों को अपने संपर्क विवरण के साथ अपना पूरा पता और उस भूमि का खसरा नंबर भी भरना होगा जहां रोपण किया जाना है। ओटीपी-आधारित पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आवेदक विश्वविद्यालय द्वारा आपूर्ति की जाने वाली किस्मों के पौधे बुक कर सकेंगे।

वेब पोर्टल पर बिक्री के लिए उपलब्ध पौधों की किस्मों को सीडलिंग रूटस्टॉक पर ग्राफ्ट किया गया है। विश्वविद्यालय के अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों से पौधों की बिक्री एवं वितरण की प्रक्रिया पिछले वर्षों की तरह ही रहेगी।

बुकिंग की सुविधा 25 नवंबर तक उपलब्ध होगी, जिसके बाद विश्वविद्यालय आवंटन प्रक्रिया शुरू करेगा। कुल मांग के आधार पर विश्वविद्यालय उपलब्ध मात्रा में से पौधे आवंटित करेगा। आवंटन सूची दिसंबर के पहले सप्ताह में विश्वविद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध होगी। किसानों को यह भी सूचित किया जाएगा कि पौधा किस तारीख को उपलब्ध होगा और उन्हें किस नर्सरी से उपलब्ध करवाया जाएगा। यह प्रक्रिया किसानों की सुविधा और बड़ी सभाओं से बचने के लिए लागू की गई है। विश्वविद्यालय किसानों की आसानी के लिए एक ऑनलाइन भुगतान पद्धति को लागू करने की प्रक्रिया में है।

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