स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलें सेवा विस्तार: रोहित ठाकुर

भाजपा सरकार किसानों और जनता के प्रति उदासीन: रोहित ठाकुर

शिमला: एक तरफ़ देश का किसान तीन कृषि क़ानूनो के विरुद्ध सड़क पर संघर्षरत हैं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा खाद, कीटनाशकों के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करना भाजपा की किसान विरोधी संकीर्ण मानसिकता को दिखाता हैं। यह ब्यान जुब्बल-नावर-कोटखाई के पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने ज़ारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दिया हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, दोगुनी करना तो दूर की बात खाद के दामों में 58% की बढ़ोतरी व कीटनाशकों के दाम बढ़ाकर किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ लाद दिया हैं। बाग़वानी करना सेब उत्पादकों के लिए चुनौती बनता जा रहा हैं, एक ओर जहां बाग़वानी आय पर कर से छूट मिली हैं वहीं बाग़वानी उत्पादों मुख्यतः सेब पर प्रयोग होने वाली कीटनाशक, फफूंदनाशक दवाइयों पर 8 से 28% जीएसटी वसूला जा रहा हैं। सरकार ने कीटनाशक व फफूंदनाशक पर मिलने वाला अनुदान बंद किया हैं जिस कारण अब बाग़वानों को बाग़वानी विभाग के कार्यालयों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि दवाइयों के दामों में वृद्धि के बाद कार्टन के दाम बढ़ने की आशंका बनी हुई हैं।

रोहित ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल मे सेब उत्पादन लागत बढ़ती जा रही सरकार को चाहिए कि दवाइयों को जीएसटी की श्रेणी से बाहर करें तथा सेब सीजन के दौरान कार्टन व ट्रे को HPMC तथा HIMFED के माध्यम से नियंत्रित दरों पर बागवानों को उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बागवानों की आय में भारी कटौती हुई हैं वही एमआईएस (MIS) के तहत रूपये 30 करोड़ की पिछले तीन वर्षों से बागवानों की बकाया राशि लंबित पड़ी हैं जिसे विलम्ब ज़ारी किया जाए। रोहित ठाकुर ने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी में किसान, मज़दूर, दैनिक भोगी, छोटे- दुकानदार के लिए जहां जीवन यापन करना एक चुनौती बन गया हैं वहीं केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जनता को राहत देने के बजाय पिछले तीन महीनों में एल०पी०जी० (LPG) गैस सिलेंडर के दामों में रूपये250 रुपए की बढ़ोतरी की हैं।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दालें बाज़ार के दामों पर बेची जा रही हैं इसके पीछे सरकार टेंडर न लगने का कारण बता कर अपना पल्ला झाड़ रही हैं जबकि जनता पर आर्थिक बोझ पड़ रहा हैं। कोरोना महामारी के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी देश और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में कोई ज़्यादा सुधार नहीं हुआ हैं। राजधानी दिल्ली के हालतों से पूरे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं का आंकलन किया जा सकता हैं। केंद्र सरकार के कुप्रबंधन के चलते मरीज़ो को ऑक्सीजन तक की सुविधा भी नही मिल पा रही जिससे देश के अधिक़तर स्वास्थ्य संस्थानों में त्राहिमाम मचा हुआ हैं और प्रतिदिन हज़ारों लोग काल का ग्रास बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी तन्त्र निष्क्रिय हो चुका हैं और जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजा़री हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण आज भारत कोरोना महामारी का केंद्र बिंदु बन गया हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में जनता के जीवन को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होती हैं वही कोरोना काल में केंद्र की भाजपा सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की जान बचाना नहीं बल्कि हर सूरत में चुनाव जीतना हैं। अंत में उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ख़तरनाक हैं, रोहित ठाकुर ने जनता से घर में सुरक्षित रहने तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन व सरकार के कोरोना बचाव से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की भी अपील की हैं।

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