अंबिका/शिमला: आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर हिमाचल किसान सभा की प्रदेश, जिला, खण्ड व तहसील कमेटियों द्वारा किसानों की समस्याओं पर धरने, प्रदर्शन एवं प्रशासन को ज्ञापन दिये गये जिसमें किसान संसद में पारित दो मुद्दों कर्ज मुक्ति तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य मुख्यतः शामिल थे। इसके साथ स्थानीय मुद्दे सब्जी, दूध, सेब, बन्दरों आदि की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार पर दबाव बनाया गया।
शिमला में राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में जिलाध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर, कोषाध्यक्ष जयशिव ठाकुर, कसुम्पटी कमेटी के अध्यक्ष गुलाब सिंह चंदेल, नेकराम, अशोक ठाकुर, मस्त राम, मनोहर, होशियार, बलबीर कौशल, रामानन्द, आदि सदस्यों की उपस्थिति में उपायुक्त शिमला के मार्फ़त राष्ट्रपति एवं प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया।
डॉ तंवर ने बन्दरों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार नालायकी और असमर्थता पर हैरानी जताई। राज्याध्यक्ष ने कहा कि जब सरकार बन्दरों को वर्मिन घोषित करके लोगों को इन्हें मारने के लिए एक हजार रुपये भी दे रही है तो फिर नसबन्दी पर 35 करोड़ क्यों खर्च किये जा रहे हैं जो सरासर जनता के पैसों की बर्बादी है।
सरकार को इसके लिये स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर ठोस रूपरेखा बनानी चाहिए। तमाम एजेंसियां एक दूसरे पर दोषारोपण करके अपना पीछा छुड़ाने में लगी हैं।
जिलाध्यक्ष पुण्डीर ने कहा कि सरकार को किसानों की फसलों के वाजिब दामों के लिए एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए ताकि सब्जी उत्पादकों व बागवानों के हितों की रक्षा की जा सके।
जय शिव ठाकुर व गुलाब चंदेल ने कहा कि दूध सस्ता व पानी महंगा करके दुग्ध उत्पादकों के साथ ठगी की है। उन्होंने दूध का न्यूनतम दाम ग्रामीण क्षेत्रों में 30 रुपये करने की बात की।