लघु उद्योगों के लिए एनआईआईटी मंडी ने तैयार किया मॉडल

लघु उद्योगों के लिए एनआईआईटी मंडी ने तैयार किया मॉडल

  • औद्योगिक इकाईयों को लगाने के लिए सरकार देगी निवेशकों को 50 प्रतिशत की ग्रांट

शिमला : चीड़ की पत्तियों पर आधारित औद्योगिक इकाईयों को लगाने के लिए सरकार निवेशकों को 50 प्रतिशत की ग्रांट देगी। ग्रांट का यह पैसा निवेशकों को एक साथ न देकर तीन किश्तों में दिया जाएगा। पहली किश्त में निवेशक को यूनिट लगाने के लिए आधारभूत ढ़ांचे का विकास करना होगा। दूसरी किश्त उपकरणों को लगाने के लिए प्रदान की जाएगी। निवेशक को तीसरी किश्त काम काम शुरू होने के बाद दी जाएगी, ताकि निवेशक पैसों का दुरुपयोग ने कर सकें। इन उद्योगों को स्थापित करने के लिए आवेदन मांग लिए गए हैं। चीड़ के जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए और गांव के छोटे निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने चीड़ की पत्तियों के उद्योग को बढ़ावा दिया है।

प्रदेश में चीड़ की पत्तियों पर आधारित होने वाले लघु उद्योगों के लिए एनआईआईटी मंडी ने मॉडल तैयार किया है। अब इसके आधार पर ही प्रदेश सरकार ने 25 उद्योग स्थापित करने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। यह उद्योग प्रदेश के कुल्लू, मंडी, शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर, सोलन और बिलासपुर क्षेत्रों में लगाए जांएगे। चीड़ की यह पत्तियां फायर सीजन के दौरान लोगों को फ्री में दी जाएंगी। इसके बाद ऑफ सीजन में यह लोगों को दाम देकर उपलब्ध करवाई जाएगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसके रेट बाद में तय किए जाएंगे।

जानकरी के मुताबिक एक यूनिट स्थापित करने के लिए पांच से छह लाख रुपए तक का खर्चा आएगा। इस पर सरकार निवेशकों को 50 प्रतिशत तक का उपदान देगी। यह इकाई गांव का एक छोटा निवेशक आसानी से स्थापित कर सकता है। इसमें वन विभाग संबंधित क्षेत्र में एरिया चयनित करेगा लोगों को उसी क्षेत्र से चीड़ की पत्तियां इकट्ठी करनी होंगी और उससे ईंधन तैयार करना होगा।

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