मुख्य सचिव ने दिए सूखे जैसी स्थिति से निपटने को कृषि व बागवानी विभागों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश

हिमाचल: किसानों व बागवानों से 130 शिकायतें प्राप्त, बकाया राशि शीघ्र देने के प्रयास

  • 21 का निपटारा, 88 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किसानों/बागवानों को किया जा चुका
  • शेष 348 लाख रुपये राशि का भुगतान बकाया, जिसके शीघ्र देने के प्रयास

शिमला: मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल के निर्देश पर प्रदेश के किसानों और बागवानों की उपज के विपणन सम्बन्धी समस्याओं पर चर्चा के लिए बागवानी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान की अध्यक्षता में आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई।

बागवानी विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि किसान संघर्ष समिति द्वारा, कृषि उपज मण्डी समिति (शिमला व किन्नौर) के समक्ष 22 अप्रैल, 2019 को आयोजित प्रदर्शन में आरोप लगाया कि व्यापारियों व आढ़तियों द्वारा 436 लाख रुपये सेब खरीद का भुगतान नहीं किया गया है। इस बारे में किसानों से 130 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 21 का निपटारा किया जा चुका हैं और 88 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किसानों/बागवानों को किया जा चुका है। शेष 348 लाख रुपये राशि का भुगतान बकाया है, जिसके लिए समिति स्तर पर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मण्डी समिति द्वारा दोषी व्यापारियों के विरूद्ध पुलिस में शिकायतें दर्ज की गई हैं और दोषियों के लाईसैंस रद्द करने की प्रक्रिया भी आरम्भ की जा चुकी है।

विस्तार से चर्चा के उपरांत बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकीय उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बनाए गए नियमों में कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान करने के लिए आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव शीघ्र प्रदेश सरकार के समक्ष लाया जाये, जिसमें दोषी व्यापारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके। इसमें प्रदेश उच्च सीडब्ल्यूपी दिनेश कुमार व राज्य सरकार के मामले में दी गई व्यवस्था का अनुसरण भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मण्डी समिति को आदेश दिये गए हैं कि अधिनियम की अनुपालना सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों व बागवानों का शोषण न हो और उन्हें गैर कानूनी अनावश्यक कटौतियों से बचाया जा सके।

बैठक में निदेशक कृषि विभाग, निदेशक बागवानी विभाग, प्रबन्ध निदेशक हि. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड बोर्ड व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया गया।

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